अशोक चावला


सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻


गाजियाबाद :- उत्तर प्रदेश टेंट व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक चावला ने केन्द्र सरकार द्वारा आज पेश किये गये बजट व्यापारी हितों पर चोट करने वाला बताया है।  उन्होंने कहा कि आज का बजट व्यापारी जगत में भारी निराशा का माहौल लेकर आया है। व्यापारी पहले ही मंदी और कोरोना की मार से त्रस्त था, बावजूद सरकार कुछ मरहम लगाने के व्यापारी हितों पर टेक्स की चोट करके उसे और चोटिल करने मे लगी है। आज के बजट से एक बात  साफ हो गई कि वर्तमान सरकार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से टेक्स बढाने वाली सरकार है।

अशोक चावला ने कहा कि 370 दिन की कारोना की कठिनाइयों को झेलने के बाद समस्त व्यापारी जगत आंख उठाकर केन्द्र सरकार द्वारा पेश किये जा रहे बजट की तरफ आशा भरी नजर लगाये बैठा था कि सरकार इस बजट में व्यापारियों की कठिनाइयों को कम करने के लिए शायद कुछ राहत प्रदान करने का काम करेंगी। व्यापारियों को आशा थी कि सरकार बजट में कारोना काल के दुकान व कारोबार बंदी के दौरान बैंको द्वारा ब्याज व बिजली के बिलों को समाप्त करेगी । लेकिन ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। बंद दुकानों से बिजली का बिल व बैंक का ब्याज लेना दुनिया का बडा सामाजिक अपराध है। बढे खेद कि बात है कि वैडिंग इंडस्ट्री को पहले भी और अब आम बजट में किसी भी तरह की कोई राहत नहीं दी है। जबकि वेंडिंग इंडस्ट्री की हालत बहुत दयनीय है।

आयकर के मुददे पर अशोक चावला ने कहा कि आयकर स्लैब 2.5 लाख से बढाकर 5 लाख किये जाने की मांग व्यापारी लंबे समय से कर रहे थे लेकिन सरकार ने उसे नहीं बढाया। उन्होंने कहा कि आयकर घर के खर्चे पूरे करने के बाद लगाया जाना चाहिए। 2.5 लाख रूपये सालाना में घर का किराया, बच्चों की फीस, दवाई व राशन का खर्च भी पूरा नहीं किया जा सकता। ऐसे में 5 लाख सालाना से कम पर आयकर लगाना सरकार  की दमनकारी नीति का ही एक नमूना है। उन्होंने कहा कि वरष्ठि नागरिक 60 साल से अधिक उम्र का व्याक्ति माना जाता है। बजट में आयकर रिर्टन भरने के लिए सरकार ने 75 साल के केवल पेंशनर व्यक्ति को छूट दी है। जबकि 10 लाख तक की आमदनी वाले 75 साल से अधिक के सभी व्यक्तियों को छूट मिलनी चाहिए। 

अशोक चावला ने कहा कि जीएसटी स्लेब में भी सरकार द्वारा कोई बदलाव नहीं किया गया है। जीएसटी के अनेकों स्लेब बनाये गये हैं। कारोबार में आ रही कठिनाईयों को देखते हुए जीएसटी के स्लेबो को न्यूनतम किया जाना अति आवश्यक था, परन्तु जीएसटी के स्लेब व उसमें रिर्टनों की संख्या में कमी के लिए कोई घोषणा इस आम बजट में नहीं की गई है। जिसका सरलीकरण किया जाना आवश्यक है।

अशोक चावला ने कहा कि पैट्रोल व डीजल पर सैस लगाकर एक्साइज कम करने की घोषणा से सरकार की महंगाई बढाने की नीति स्पष्ट है। पैट्रोल व डीजल की महंगाई चरम सीमा पर है। वर्तमान सरकार द्वारा पूर्व में लगातार एक्साइज बढाकर पैट्रोल व डीजल के दामों को बढाने का काम किया था। वर्तमान में कच्चे मेटेरियल के दामों में तेजी तथा बिक्री की मंदी के दौर में पैट्रोल व डीजल के दाम में 20 से 25 प्रतिशत की कमी की कमीं की जानी चाहिए थी।
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