रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जीटी रोड साहिबाबाद के प्रांगण में बुधवार को आदि कवि महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव समारोह का भव्य आयोजन, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट जिला महासचिव समाजवादी पार्टी जनपद गाजियाबाद के नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ देवकर्ण चौहान ने कि, सम्मानित अतिथि सीपी सिंह, सरदार अवतार सिंह काले, ध्रुव तिवारी, अंशु ठाकुर ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष रामदुलार यादव भी शामिल रहे, संचालन विनोद  ने किया। सभी कार्यक्रम में शामिल भाई, बहनों ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण करते हुए सत्य, अहिंसा, प्रेम और सहयोग देश, समाज में फैलाने का संकल्प लिया।
    
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य रामायण की रचना कर समाज को संदेश दिया कि हमें अपने परिवार तथा समाज में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम का व्यवहार करना चाहिए जैसा भगवान राम ने समाज और परिवार के साथ किया, आज देश में कुछ दम्भी ताकतें भगवान राम के नाम का उपयोग, अहंकार और नफरत फैलाने में कर रही है वह महर्षि बाल्मीकि और भगवान राम के प्रति अन्याय है, भगवान राम ने तो अनाचार, अंधकार और समाज विरोधी ताकतों को परास्त किया, आज स्वार्थ कैसे सिद्ध हो निजी हित में पाखंडी ताकते भगवान राम की भी मार्केटिंग करने में लगी हैं, और हम बात को समझ ही नहीं पा रहे हैं। भावनाओं में बह जाते हैं। चालाक लोगों के बहकावे में न आकर महर्षि बाल्मीकि के द्वारा रचित भगवान राम के चरित्र के अनुरूप हमें कार्य करना चाहिए। यही महर्षि वाल्मीकि के प्रति सच्ची पुष्पांजलि होगी
    
लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने महर्षि बाल्मिकी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि “महर्षि बाल्मिकी ने ही लोक में मर्यादा पुरुषोत्तम राम को जनवाने का काम किया, तथा उनके माध्यम से समाज और देश को दिशा दी, तथा क्रौंच के करुण रुदन को सुन महर्षि ने प्रथम संस्कृत श्लोक की रचना की

मां निषाद प्रतिष्ठां, त्वमगम: शास्वती समा:।
यत्क्रौंच मिथुनादेकम, अवधी काम मोहितं।

रामायण महाकाव्य है इसमे महर्षि की कल्पना भी सन्निहित है, उसके माध्यम से सन्देश दिया गया है कि सत्य मार्ग पर चलकर हमें असामाजिक तत्वों के विरोध में खड़ा रहना चाहिए, महर्षि का प्रथम संस्कृत साहित्य का श्लोक हमें यही शिक्षा देता है कि हे बहेलिये तूने निर्दोष क्रौंच पक्षी को मारा है तुझे कभी भी प्रतिष्ठा या सम्मान नहीं मिल सकता, प्रतिष्ठा किसी को पीड़ा पहुँचाने से नहीं बल्कि प्रेम, सहयोग, सद्भाव से प्राप्त हो सकती है। आज इस मंच के माध्यम से यह मांग की गयी कि राम जन्म भूमि ट्रस्ट अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण कर रहा है उस परिसर में महर्षि बाल्मिकी का भी मन्दिर बनना चाहिए जिससे पर्यटकों, भक्तगणों और समाज के लोगों में यह सन्देश जाये कि लोक में राम को महर्षि बाल्मिकी ने जनवाने का कार्य किया, तथा लोक में भगवान राम को जन-जन के ह्रदय में रच, बस जाने की प्रेरणा दी। यही महर्षि के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
    
प्रकटोत्सव समारोह में प्रमुख रूप से शामिल रहे राम दुलार यादव, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, अंशु ठाकुर, सीपी सिंह, सरदार अवतार सिंह काले, शम्भू नाथ जायसवाल, विक्की ठाकुर, ध्रुव तिवारी, राधा, डा0 देवकर्ण चौहान, रेशमा, वीर सिंह सैन, राजीव यादव, अवधेश यादव, सुरेंद्र यादव, गुड्डू यादव, सन्जू शर्मा, बिन्दू राय, अनीता सिंह, शबाना, रेनूपुरी, लक्ष्मी यादव, फूलचंद पटेल, हाजी मोहम्मद सलाम, राकेश गिरी, मनोज, सन्नो नंदग्राम, धर्मवती, मिथिलेश सिंह, कमला देवी, कल्पना यादव, आरती सिंह, राजपाल यादव, विनोद बाल्मिकी, हरिशंकर यादव, प्रेम चन्द पटेल, सुरेश भारद्वाज, पप्पू सिंह, हरिकृष्ण, कविता बाल्मिकी आदि ने महर्षि को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के अन्त में मधुर फल वितरित किया गया।
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