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गाजियाबाद :- आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि दिवाली से दो दिन पहले मनाए जाने वाले धनतेरस के पर्व पर इस बार त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इससे पर्व का महत्व और भी बढ गया है। मंगलवार दो नवंबर को पर्व पर पूजन करने से तीन गुना फल प्राप्त होगा। हस्त नक्षत्र भी पर्व को शुभ बनाएगा। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व पड़ता है। इसे धन त्रयोदशी या फिर धनवंतरि जयंती भी कहा जाता है। 

इस दिन मां लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर व भगवान धनवंतरि का पूजन भी किया जाता है। धनतेरस वाले दिन से ही दीपोत्सव यानी दिवाली की शुरुआत हो जाती है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर व भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजन करने से घर में धन की कमी नहीं होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसारए समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी के चलते इस पर्व पर  बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। मंगलवार दो नबंवर  को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 16 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि एक घण्टा 54 मिनट की होगी।
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