रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- शहर के व्यापारी नगर निगम की 1702 दुकानों का किराया बढ़ाने के विरोध में लामबंद होकर सड़क पर उतर आये है । महानगर उद्योग व्यापार मंडल के नेतृत्व में शनिवार को कई बाजारों की एसोसिएशन के प्रतिनिधि एकत्र होकर जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन देकर 25 साल पहले से किराया बढ़ोतरी और नाम हस्तांतरण करने का शुल्क 3 लाख रुपये निर्धारित करने पर विरोध जताया।

व्यापारियों का कहना है कि सरकारी और या निजी क्षेत्र, यह पहली बार हुआ है कि किराया बढ़ोतरी बीते 25 साल से किया जा रहा है। उनका कहना है कि बीते 25 साल में नगर निगम ने दुकानों का किराया बढ़ाया भी है। कई दुकानों का हस्तांतरण दूसरे व्यक्ति के नाम पर हुआ है और इस दौरान नगर निगम ने किराया दोगुना करने के साथ-साथ 100 रुपये प्रति वर्गफुट की दर से हस्तांतरण शुल्क भी जमा कराया है। व्यापारी नेताओं ने कहा कि बीते 25 साल की बजाय नगर निगम वर्तमान वर्ष से किराये में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर लें और प्रत्येक तीन साल के अंतराल पर 12.5 फीसदी किराया बढ़ा लें।

उन्होंने कहा कि हस्तांतरण शुल्क एक मुश्त तीन लाख रुपये किए जाने की बजाय 100 रुपये प्रति वर्गफुट के स्थान पर 200 रुपये प्रति वर्गफुट कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की वजह से व्यापार पहले ही चौपट हैं अब नगर निगम अधिकारी किराया बढ़ाकर व्यापारियों पर और बोझ डाल रहे हैं । इस दौरान व्यापारी महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष गोपीचंद, प्रांतीय युवा महामंत्री राजदेव त्यागी, महानगर महामंत्री अशोक चावला, रमेतराम रोड व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश स्वामी, राजदेव त्यागी, घंटाघर गोल मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश बवेजा मौजूद रहे।
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