◼संकट की इस महाघड़ी में, हमें नहीं घबराना है, लॉकडाउन देश में, तब बाहर ही नहीं जाना, ऐसा छाया रोग पर, आपस में अंतर से रहना, भारत की यह परंपरा, एकांत सभी को भाया, ऋषि- मुनि- वहुयोगी ने तो, जीवन सफल बनाया, कोरोना विषाणु से अब विश्व बहुत भयभीत है, देश-- देश में त्राहि-त्राहि, पर मुश्किल न जीत है, गरीब-- बेवस मजबूरो को, भोजन पानी मिले सभी को, अपने निजी स्वार्थ में नहीं है वहना
रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी
गाजियाबाद :-
जब देश में कोरोना पीड़ित नागरिकों की संख्या सिर्फ 75 हजार थी, तो पूर्ण रूप से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया, अब देश में प्रतिदिन 75000 लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं, अब इतनी बड़ी लापरवाही क्यों बढ़ती जा रही है
अजय गुप्ता ने बताया कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार और प्रशासन लगातार जी तोड़ कोशिश कर रहा है, फिर भी करोना पीड़ितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, आज का आलम है, इसकी संख्या 35 लाख से ऊपर हो गई है, जो एक बहुत ही चिंताजनक विषय है, इसमें देश के नागरिकों की लापरवाही है, या कुछ और, लोगों को सचेत होना चाहिए, कोरोना के प्रति पर अब नागरिक इस बात को नहीं समझ पा रहे, इसका वायरस धीरे धीरे पूरे देश में फैलता जा रहा है, जिस पर हमें अंकुश लगाना बहुत जरूरी है, हमें केंद्र सरकार प्रदेश सरकार और शासन की मदद करते हुए इस पर अंकुश लगाना है, इसके प्रति लापरवाही बिल्कुल ना बरतें, अभी इसकी हमें चेन तोड़ने की आवश्यकता है, जो देश हित के लिए बहुत ही जरूरी है, कुछ दिन और अभी संकट की महाघड़ी में बिल्कुल नहीं घबराना है, बस आपस में अंतर रखकर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, का उपयोग करते हुए हमें कोरोना से अपने आप को, और अपने परिवार को बचाना है, भारत की परंपरा रही है, बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने एकांतवास में भी अपना समय गुजारा है, और जीवन को सफल बनाया है, हमें कुछ दिन और घरों में रहकर एकांतवास काटना है, जिससे हम कोरोना पर लगाम लगा सके, गरीब बेबस मजबूर भाइयों को भोजन पानी मिल सके, हमें अपने निजी स्वार्थ में भी नहीं बनना है, यह देश के लिए एक परीक्षा की घड़ी है, और हमारा आत्मविश्वास हमको इस परीक्षा से जीत दिलवाएगा, बस सावधानी बरती है, अभी अपने और अपने परिवार का बचाव करना जरूरी है
जय हिंद----
अजय गुप्ता प्रदेश सचिव अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन आईवीएफ एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल