रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
        वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद कलानिधि नैथानी द्वारा सभी अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को जनहित में पारदर्शिता के साथ पूर्ण मनोयोग से कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा रही है।

इसी क्रम में आरक्षी 2088 नागरिक पुलिस अक्षय कुमार जो 2012 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था तथा लगातार गैरहाजिर होने के चलते 2014 में बीएसएफ की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। जिसके बाद उक्त आरक्षी 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में उक्त बर्खास्तगी के तथ्यों को छुपाते हुए भर्ती हो गया था। संपूर्ण प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक नगर द्वारा कराई गई तो उक्त आरक्षी पर लगाए गए आरोप सत्य पाए गए।

आरक्षी द्वारा जानबूझकर तथ्यों को छुपाते हुए पुलिस विभाग में भर्ती होना पाया गया है। आरोपों की गंभीर प्रकृति होने के चलते उक्त आरक्षी 2088 नागरिक पुलिस अक्षय कुमार को सेवा से बर्खास्त किया गया है।

वही  fir दर्ज करने व उसकी प्रति देने की एवज में वादी से ₹15000 की अनैतिक रूप से मांग करने के आरोपों में गोपनीय जांच के आधार पर कंप्यूटर ऑपरेटर गजेंद्र सिंह थाना लोनी बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

एसएसपी द्वारा द्वारा सभी अधीनस्थों को सख्त हिदायत के साथ चेतावनी जारी की गई है कि यदि कोई भी अनैतिक क्रियाकलापों /अनुचित लाभ प्राप्त करने संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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