रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान


उत्तराखंड :-
         उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट आगामी 19 नवंबर को शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु बंद कर दिये जायेंगे। विजयदशमी के पावन पर्व पर बद्रीनाथ धाम में आयोजित विशेष समारोह में मंदिर के कपाट बंद किए जाने की तिथि घोषित की गई।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए भी तिथि और समय तय
हर साल विजयादशमी पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की तिथि घोषित की जाती है। इस दौरान गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि और समय तय किया गया। गंगोत्री मंदिर के कपाट अन्नकूट के पावन पर्व पर 15 नवंबर को दोपहर 12:15 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।
अगले साल खुलेंगे कपाट 
मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल एवं सचिव दीपक सेमवाल ने बताया कि दोपहर 12:30 बजे मां गंगा की डोली मुखबा के लिए रवाना होगी तथा भैया दूज के पावन पर्व पर 16 नवंबर को मुखबा स्थित गंगा मंदिर में मां गंगा की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि शीतकाल में बर्फबारी और भीषण ठंड के कारण चारों धामों- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल- मई में दोबारा श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिये जाते हैं। 

चमोली जिले में स्थित है बद्रीनाथ मंदिर 
बता दें कि बद्रीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो कि उत्तराखंड में चमोली जिले के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। मान्‍यता है कि केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के बाद अगर आपने बद्रीनाथ धाम की यात्रा नहीं की तो आपकी चारधाम यात्रा अधूरी मानी जाती है। हर साल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक चलने वाली चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है। 
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