रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
       विश्व ब्राह्मण संघ के प्रवक्ता बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि विजयदशमी का पर्व अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई ,और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है इस दिन दशहरा हिंदू धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है इसे पूरे उत्साह के साथ पूरे देश में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा लगातार 10 दिन तक मनाया जाता है इसलिए इसे दशहरा कहते हैं पहले 9 दिन तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है दसवें दिन लोग असुर रूपी राजा रावण का पुतला जलाकर मनाते हैं  
बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि हिन्दू धर्म में वर्ष भर अनेकों त्योहार मनाये जाते हैं । उनमें ‘दशहरा’ का त्योहार प्रमुख है जिसे बच्चे, युवक व वृद्‌ध सभी वर्ग के लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं ।यह पर्व देश के सभी भागों में दस दिनों तक मनाया जाता है । इसमें प्रथम नौ दिन को नवरात्र तथा दसवें दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता दशहरा हिंदी गणना के अनुसार आश्विन मास में मनाया जाता है। दशहरा हिंदी गणना के अनुसार आशिवन मास में मनाया जाता है । इस त्योहार की उत्पत्ति के संदर्भ में अनेक पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। अधिकांश लोगों का मानना है कि भगवान श्रीराम ने अपने चौदह वर्ष के वनवास की अवधि के दौरान इसी दिन आततायी असुर राजा रावण का वध किया। तभी से दशहरा अथवा विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ परंपरागत रूप से मनाया जाता है। 

इस त्योहार का सबसे प्रमुख आकर्षण ‘राम-लीला’ है जिसमें भगवान राम के जीवन-चरित्र की झलक नाट्‌य प्रस्तुति के माध्यम से दिखाई जाती है। रामलीला में उनकी बाल्य अवस्था से लेकर वनवास तथा वनवास के उपरांत अयोध्या वापस लौटने की घटना का क्रमवार प्रदर्शन होता है जिससे अधिक से अधिक लोग उनके जीवन-चरित्र से परिचित हो सकें और उनके महान आदर्शों का अनुसरण कर उनकी ही भाँति एक महान चरित्र का निर्माण कर सकें ।रामलीलाएँ प्रतिपदा से प्रारंभ होकर प्राय: दशमी तक चलती हैं । दशमी के दिन ही प्राय: राम-रावण युद्‌ध के प्रसंग दिखाए जाते हैं । रामलीला दर्शकों के मन में एक और जहाँ भक्ति-भाव का संचार करती है वहीं दूसरी ओर उनमें एक नई स्कूर्ति व नवचेतना को जन्म देती है ।
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