निठारी कांड: सुरेंद्र कोली
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गाजियाबाद :- नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के बारहवें मामले में भी अभियुक्त सुरेंद्र कोली को विशेष सीबीआई कोर्ट ने दोषी पाया। अदालत ने उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई है। अलग-अलग धाराओं में आरोपी सुरेंद्र कोली पर अदालत ने 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके पहले भी 11 मामलों में कोली को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। अदालत ने कोली को लड़की से दुष्कर्म करने के बाद हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामले में सजा सुनाई है।
वहीं दूसरे आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सुरेंद्र कोली की सजा पर शनिवार को सीबीआई के न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में बहस हुई। जिसके बाद फांसी की सजा सुनाई गई। निठारी कांड में चार और मामलों में सुनवाई चल रही है।
जानें क्या है 12वां मामला
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि निठारी गांव में रहने वाली एक लड़की सेक्टर-30 में कोठियों में काम करती थी। वह 12 नवंबर, 2006 को एक घर में काम करने के लिए मां के साथ गई हुई थी। मां अपनी बेटी को सेक्टर 30 को जाने वाले रास्ते की पुलिया पर छोड़कर घर आ गई थी। इसके बाद लड़की कभी लौटकर नहीं आई। युवती के पिता और मां थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए चक्कर काटते रहे, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी।
माता-पिता ने कपड़ों से की थी बेटी की पहचान
29 दिसंबर 2006 को सीबीआई ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को गिरफ्तार करके उसकी निशानदेही पर सेक्टर-31 स्थित डी-5 कोठी के पास नाले से बच्चों के अवशेष बरामद किए थे। उस दौरान कोठी के पीछे वाले हिस्से में मृतकों के कपड़े सहित अन्य सामान बिखरे पड़े थे। पुलिस की कार्रवाई के दौरान कोठी में भीड़ लग गई थी। इसी दौरान लड़की के मां-बाप भी वहां पहुंच गए। दोनों ने लड़की के सूट और सलवार की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने मामले में भी कोली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
कोली ने खुद जुर्म कबूल किया था
बाद में कोली ने जुर्म कबूल कर बताया था कि उसने बच्चों की हत्या करके शव नाले में फेंक दिए थे। उसने लड़की के साथ दुष्कर्म कर हत्या का जुर्म भी कबूल किया था। गवाहों के बयान के आधार पर सीबीआई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर को भी आरोपी बनाया था। नाले में मिले अवशेष और मां-बाप के डीएनए का मिलान भी हैदराबाद की लैब में हो गया था।