रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी
गाजियाबाद :-
कौशांबी स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मिड कारपोरेट शाखा में 2017 में एक फर्म के 15 करोड़ लोन के घोटाला करने के मामले में गाजियाबाद की सीबीआई की एंटीकरप्शन ब्रांच में फर्म संचालक समेत बैंक कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। कौशांबी स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मिड कारपोरेट शाखा में दिल्ली के पश्चिम विहार निवासी नितिन गौर की फर्म मैसर्स भार्गव फूड का खाता है। फर्म ने फ्लोर उत्पाद आटा, मैदा और बेसन का कारोबार दिखाते हुए बैंक में खाता खोलकर वर्ष 2017 के जून माह में 15 करोड़ रुपये का लोन कराया। बैंक ने जुलाई से अप्रैल 2018 में दस महीने की अवधि में पूरी रकम कई अन्य फर्मों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। बैंक को लोन नहीं चुकाया तो बैंक ने जांच की। इसमें सामने आया कि फर्म ने जो बिल कारोबार अवधि के दिखाए वह संदिग्ध हैं। अप्रैल 2018 में ऑडिट कराया तो सामने आया कि कारोबार के दौरान जिन ट्रकों में माल का परिवहन दिखाया है। वह कार, स्कूटर और बाइक के निकले। इससे 50-100 क्विंटल माल एक बार में ले जाना संभव नहीं है। बीते अगस्त 2018 में खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया। बैंक के आरएम बैजनाथ सिंह की ओर से मार्च 2020 में सीबीआई में शिकायत की गई। इस पर हाल में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच में बैंक के तत्कालीन एजीएम अनिल रावत, मैनेजर आशा सिन्हा, चीफ मैनेजर शैफाली शर्मा, फर्म संचालक पश्चिम विहार दिल्ली निवासी नितिन गौर, गारंटर शालू सूरी समेत अज्ञात पर बैंक ने साज कर धोखाधड़ी का रिपोर्ट दर्ज की है।