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गाजियाबाद :- जनपद में इस बार कई दिग्गज नेता खुद या उनके परिवार के सदस्य जिला पंचायत सदस्य चुनाव मैदान में हैं। पूर्व मंत्री से लेकर वर्तमान विधायक के परिवार के सदस्य, निवर्तमान जिपं अध्यक्ष चुनावी रण में उतरे हैं। चुनाव भले ही सदस्य पद का हो, लेकिन इन वीआईपी परिवारों की निगाहें अध्यक्ष की कुर्सी पर है। ऐसे में इस बार जिपं अध्यक्ष पद की कुर्सी के लिए मुकाबला कड़ा होगा। कई नेताओं का राजनीतिक करियर तो कई की साख दांव पर लगी है।

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजपाल त्यागी के बेटे गिरीश त्यागी की पत्नी रश्मि त्यागी वार्ड संख्या-6 से और बेटा मोहित त्यागी वार्ड-8 से चुनाव लड़ रहे हैं। मुरादनगर क्षेत्र राजपाल त्यागी की कर्म स्थली रही है। उनके बेटे अजीत पाल त्यागी इसी विधानसभा से विधायक हैं और पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। इस राजनीतिक परिवार की स्थिति चुनाव में मजबूत मानी जा रही हैं और चुनाव जीतने के बाद अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी भी निश्चित मानी जा रही है। 

दूसरी ओर, निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी मावी को इस बार भाजपा से समर्थन नहीं मिला है, लेकिन वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर वार्ड- 13 से चुनाव मैदान में हैं। लक्ष्मी के पति पवन मावी और उनकी भाभी भी लोनी क्षेत्र के अलग-अलग वार्ड से चुनाव मैदान में उतरे हैं। लक्ष्मी मावी फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। भाजपा में अंदरूनी खींचतान की वजह से ही उनका टिकट कटा है। 

धौलाना विधानसभा से बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी नसीम बेगम को वार्ड-10 से सपा की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने से इस क्षेत्र में भी मुकाबला रोचक हो गया है। इसी वार्ड से रालोद के वरिष्ठ नेता व पूर्व में दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके कुंवर अय्यूब अली की पत्नी शाहीन भी इसी वार्ड से चुनाव मैदान में हैं। दोनों में से चुनाव जीतने वाली उम्मीदवार की दावेदारी अध्यक्ष पद के लिए हो सकती है। हालांकि अध्यक्ष पद की दौड़ में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बसंत त्यागी की पत्नी ममता त्यागी भी है। ममता निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य हैं और इस बार वह वार्ड-14 से चुनाव लड़ रही हैं। 

जिला पंचायत चुनाव में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुके ईश्वर मावी की पुत्रवधू अंशु मावी भी वार्ड-13 से चुनाव मैदान में हैं। बीते चुनाव में ईश्वर मावी की पत्नी चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन वह जीत नहीं पाई थीं। राजनीतिक रसूख का सिंबल है अध्यक्ष पद जिला पंचायत अध्यक्ष को अब लालबत्ती भले न मिलती हो, लेकिन इस पद का राजनीतिक रसूख अभी भी कम नहीं है। पूरे जिले की ‘बादशाहत’, के साथ-साथ राजनीति की सीढ़ियां चढ़ने के लिए भी इस पद की अहम भूमिका मानी जाती है। मौजूदा विधायक अजीतपाल त्यागी भी पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में जहां त्यागी परिवार फिर से इस सत्ता को पाना चाहता है, वहीं पवन मावी भी लगातार दूसरी बार इस पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
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