रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- आम आदमी पार्टी द्वारा एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन में आम आदमी पार्टी के समर्थन की बात दोहराई गई। आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन को चलते हुए 6 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है; सैकड़ों किसानों की मृत्यु हो चुकी है; कोरोना की महामारी में भी किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे रहे हैं; यह एक ऐतिहासिक आंदोलन है। इस देश में इतना बड़ा और इतना जोरदार आंदोलन इससे पहले नहीं हुआ है। 

उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठी हुई अहंकारी और पूंजीपतियों की गुलाम सरकार लोकतंत्र की आवाज को अनसुना कर रही है। देश में आई इस महामारी से तो हम जल्द ही निजात पा लेंगे लेकिन अगर कृषि कानून के ये तीनों बिल रद्द नहीं किए गए तो किसान अपनी जमीनों से हाथ धो बैठेंगे और खेती-किसानी पूंजीपतियों की तिजोरियों में कैद हो जाएगी। लोग अनाज आदि की कालाबाजारी के कारण भूख से दम तोड़ देंगे। किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं ने आने वाली 5 तारीख को सत्ताधारी दलों के सांसदों और विधायकों के घरों का घेराव करने और इन काले कानूनों की प्रतियों को जलाने का आह्वान किया है। 

आम आदमी पार्टी किसानों के इस आह्वान का समर्थन करती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि केवल सत्ताधारी पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों का घेराव करना ही काफी नहीं है विपक्षी दलों के वह नेता जो जनता और इन किसानों से वोट पाकर अपने आपको जनप्रतिनिधि कहलाते हैं यदि वह इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप हैं तो उनका भी घेराव होना चाहिए। केवल कानूनों का समर्थन करने वाले ही नहीं बल्कि इनके विरोध में खुलकर नहीं उतरने वाले विपक्षी दलों के नेता भी इन कानूनों के मूक समर्थक समझे जाने चाहिए और जनता को उनसे जवाब लेना चाहिए। 

इस पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के अलीगढ़ जिले के प्रभारी अक्षय आर्य ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने लोकतंत्र का सम्मान करते हुए किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन करने के अधिकार को सुरक्षित रखने का तत्परता से प्रयास किया है। जब से आंदोलन शुरू हुआ है तब से अब तक दिल्ली सरकार अनवरत अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभा रही है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार किसानों की सेवा में पूरे दलबल के साथ लगी हुई है। बिजली, पानी, शौचालय, खाना, राशन और वो तमाम जरूरत की चीजें जिनकी किसानों को आवश्यकता थी उनकी आपूर्ति दिल्ली सरकार ने बखूबी की है। 

आम आदमी पार्टी के विधायकों ने, सांसदों ने, मंत्रियों और स्वयं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने धरना स्थल का दौरा किया और किसानों की हर संभव मदद की। पार्टी के राज्यसभा सांसद श्री संजय सिंह जी ने राज्यसभा में इन कानूनों का जोरदार विरोध किया जिसे पूरे देश ने देखा। यहां तक कि किसान आंदोलन का समर्थन करने के कारण दिल्ली सरकार को केंद्र की दुर्भावना का शिकार होना पड़ा और उससे तमाम अधिकार छीन कर एलजी को दिए गए। केंद्र में बैठी हुई सरकार  तानाशाही कर रही है और लोकतंत्र को पूरी तरीके से खत्म करने पर तुली हुई है अन्यथा लोकतंत्र में ऐसा संभव नहीं कि देश का एक बड़ा तबका 6 महीने से ज्यादा आंदोलन पर रहे और सरकार उनकी मांगों को ना माने। इस अवसर पर नोएडा सचिव हिमांशु अग्रवाल ने भी अपनी बात रखी।
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