रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने बुधवार को  कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में महिला संबंधी मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि आज प्रदेश की महिलाएं स्वावलंबी बन सशक्तितकरण का इतिहास लिख रही हैं। शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी महिलाएं बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर नए-नए उत्पाद बना रही हैं, जो बेहद कम कीमतों पर लोगों को उपलब्ध हो रहे हैं। 

इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश सिंह ने अध्यक्ष विमला बाथम का पौधा देखकर स्वागत स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने जिला स्तर पर महिला सशक्तितकरण को लेकर चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बेटियों को प्रोफेशनल डिग्री के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मा0 अध्यक्ष विमला बाथम ने नेस्टिंग डॉल का अनावरण किया। इस डॉल में डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता जैसी छोटी-छोटी डॉल सम्मलित की गई हैं। 

अध्यक्ष द्वारा सक्षम नेस्टिंग डॉल्स का अनावरण किया गया एवं 05 बालिकाओं इरिसा सिंह आयु 02 वर्ष, पुत्री मनीष सिंह, यूवरागी आयु 09 वर्ष पुत्री अमित रावल, ऐश्वर्या टटोरिया आयु 05 वर्ष पुत्री संजय टटोरिया, ओजस्वी सिंह आयु 07 वर्ष पुत्री टीकम सिंह, एवं कासवी चौधरी आयु 05 वर्ष पुत्री रोहित कुमार को सक्षम नेस्टिंग डॉल्स भेंट की गई और उन्हें भविष्य में आगे बढ़ने एवं परिवा का नाम रोशन करने की प्रेरणा दी गई। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए निरा कॉटन पैड्स का भी अनावरण उनके द्वारा किया गया। 

स्वयं सहायता समूह की 10 एवं अन्य 10 महिलाओं को "निरा" कॉटन पैडस का वितरण किया गया। स्वयं सहायता समूहों को कॉटन पैडस की धनराशि रू0 12000/- एवं कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फर्म (2) की धनराशि रू0- 5.5 लाख के चैक का वितरण किया गया। मा0 अध्यक्ष राज्य महिला आयोग उ0प्र0 द्वारा "बेटी का नाम घर की शान" कार्यक्रम के अंतर्गत 05 अभिभावकों को को उनकी बेटी के नाम की नेमप्लेट भेंट की गयी। इसमें अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास की बेटी सान्वी एल0एस0, उप जिला अधिकारी सदर डीपी सिंह की बेटी देवारती सिंह, कृष्ण कुमार की बेटी धु्रविका सिंह, ए0सी0एम0 थर्ड प्रवर्धन शर्मा की बेटी प्रत्यूषा वर्धन शर्मा और वीरेंद्र कुमार की बेटी वर्णिका सिंह के नाम की नेमप्लेट प्रदान की गई। 

इसके उपरांत कोविड-19 में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को फीस माफी के प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर मा0 अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि आज प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे स्वयं सहायता समूह बने हुए हैं जहां महिलाओं की कला को न सिर्फ सम्मान मिल रहा है बल्कि वह आर्थिक रूप से भी मजबूत भी बन रही हैं। इसके अलावा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत भी बेटियों को पढ़ाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है ताकि महिलाओं व बेटियों को प्रोत्साहन मिल सके। अध्यक्ष राज्य महिला आयोग उ०प्र० द्वारा उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की समीक्षा की गई एवं योजना में जनपद द्वारा प्रदेश में सहारनपुर के बाद सर्वाधिक बच्चों के चिह्नांकन जाने पर जिला प्रशासन की सराहना की गई। 

योजना में कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुये या अपने माता पिता में से किसी एक को खो देने वाले बालकों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में 339 बालकों का चिन्हांकन एवं 246 का सत्यापन एवं 100 बालकों को सहायता उपलब्ध कराने जानकारी दी गयी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने कहा कि जिले में बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि अभिभावक बेटियों को पढ़ाने में कोताही ना बरतें। इसके अलावा अगर किसी को कोई दिक्कत आती है तो उसकी हर संभव मदद की जाती है। 

जन सुनवाई के दौरान अध्यक्ष द्वारा राज्य महिला आयोग उ०प्र० में जनपद गाजियाबाद की लंबित 41 शिकायतों में महिला जनसुनवाई में उपस्थित 11 महिलाओं के प्रकरणों पर भी सुनवाई की गई एवं उनकी समस्याओं को मानवीय आधार एवं कानून के अन्तर्गत त्वरित निस्तारण हेतु पुलिस विभाग को निर्देश दिये गये। इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नेहा रूंगटा, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजभूषण चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक ज्योति दीक्षित, अपर चिकित्साधिकारी डॉ0 सुनील त्यागी सहित पुलिस विभाग के अधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
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