लक्ष्य तंवर

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गाजियाबाद :- लोन माफिया लक्ष्य तंवर ने बैंकों की रकम हड़पने के लिए शातिर ढंग से योजना बनाई। वह एक कंपनी बनाता, लोन लेता और उसे बंद कर देता। फिर दूसरी कंपनी बनाता लोन लेता उसे बंद कर देता। इस तरह 257 कंपनियां बनाईं। फर्जीवाड़ा करने के लिए उसने दो पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। इनकम टैक्स से मिले रिकॉर्ड में इसका खुलासा हुआ है। एसआईटी की दो महीने की जांच में यह बातें सामने आई हैं। एसआईटी ने 39 मुकदमों में आरोपियों के 29 वाहन और 30 रजिस्ट्री पता की हैं। पुलिस ने वाहनों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

2012 का सामने आया सबसे पहला फर्जीवाड़ा
कविनगर निवासी लक्ष्य तंवर अखबार बांटने का काम करता था, जबकि उसका पिता अशोक कुमार कपड़ों पर प्रेस करता था। एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी की जांच में सामने आया है कि लक्ष्य तंवर ने पहला लोन फर्जीवाड़ा 2012 में किया था। इसी साल उसने अपने नाम पहली संपत्ति ली थी। तब से वह लगातार बैंक अधिकारियों से मिलकर फर्जी दस्तावेजों, बंधक संपत्तियों पर दूसरे बैंकों से लोन दिलाता था।

नौकरों, दोस्तों व परिजनों के नाम खरीदी संपत्ति
एसपी सिटी ने बताया कि लक्ष्य तंवर ने खुद को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए संपत्तियां अपने नाम की बजाय परिजनों, दोस्तों व नौकरों के नाम पर खरीदीं। एक संपत्ति बैंक में बंधक रखी। फिर अधिकारियों से साठगांठ कर दस्तावेज बैंक से निकलवाकर वही संपत्ति किसी और को बेच दी। उसी संपत्ति पर दूसरे बैंक से लोन करा लिया। रजिस्ट्री विभाग से अब तक आरोपियों की करीब 30 रजिस्ट्री सामने आई हैं।

कंपनी खुलती रहीं, लोन होने के बाद बंद होती रहीं
मुकदमे में नामजद आरोपियों की अब तक 257 कंपनियां ट्रेस हुई हैं। एक कंपनी खोलकर आरोपी उस पर लोन कराते और फिर उसे बंद कर देते। सभी कंपनियों के खातों में कितनी ट्रांजेक्शन हुई, इसकी जानकारी बैंकों से हासिल की जा रही है। इसके बाद ही निकाले गए लोन और उसकी बंदरबांट का पता लग सकेगा।

18 वाहन कुर्क करने की रिपोर्ट भेजी, अब संपत्तियों की बारी
एसपी सिटी ने बताया कि आरटीओ विभाग से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक आरोपियों के 29 वाहन ट्रेस हुए हैं। इनमें से 18 वाहन ऐसे हैं, जो 2012 के बाद खरीदे गए हैं। लिहाजा इन्हें कुर्क करने के लिए एसएसपी को रिपोर्ट भेजी है। एसएसपी रिपोर्ट की समीक्षा कर उसे डीएम के पास भेजेंगे। दूसरे चरण में चार संपत्तियां कुर्क करने की रिपोर्ट भेजी जाएगी।

लक्ष्य ने किसी बैंक में लिंक नहीं कराया आधार
एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों के 32 से अधिक अकाउंट ट्रेस हुए हैं। इनमें से अधिकांश खाते उन बैंकों में हैं, जो सामान्य तौर पर चलन से दूर हैं। हैरत की बात यह है कि लक्ष्य तंवर ने किसी भी बैंक खाते में अपना आधार कार्ड लिंक नहीं कराया है। लक्ष्य एक ही आधार का इस्तेमाल करता था या अलग-अलग नाम से आधार बनवाए हुए हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है।

39 मुकदमें में यह हैं मुख्य आरोपी
लोन फर्जीवाड़े में अब तक 39 मुकदमे दर्ज हुए हैं। जिनमें मुख्य आरोपी लक्ष्य तंवर, उसका अशोक, पत्नी प्रियंका, मां रेनू है। इसके अलावा शीलू, शीलू की पत्नी अलका, बेटी गौरी बहल, दामाद विशेष बहल, राजरानी कालरा, उसका सूरज कालरा, पुत्रवध सिंपी भी विभिन्न मुकदमों में आरोपी हैं। बैंक अधिकारियों ने सेवानिवृत्त मैनेजर रामनाथ मिश्रा, उत्कर्ष कुमार, बर्खास्त मैनेजर संजय तितरवे मैनेजर दुर्गा प्रसाद, बर्खास्त लोन मैनेजर प्रियदर्शिनी, लोन मैनेजर तारिक हुसैन भी मुकदमों में आरोपी हैं। सहआरोपियों में वरूण त्यागी, नरेश बग्गा, उसका बेटा दक्ष बग्गा, अनिल भारद्वाज, एसपी कपूर, यासू कौशिक भी नामजद हैं।

30 अगस्त से जेल में है लक्ष्य, लग चुका है गैंगस्टर
कविनगर निवासी लक्ष्य तंवर अखबार बाटंने का काम करता था, जबकि उसका पिता अशोक कुमार कपड़ों पर प्रेस करता था। 30 अगस्त को नगर कोतवाली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अक्टूबर मध्य में लक्ष्य तंवर से जुड़े मुकदमों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी, जिसमें एक इंस्पेक्टर व तीन दरोगा शामिल किए थे। लक्ष्य समेत 12 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है।
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