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गाजियाबाद :- दवा कारोबारियों को ठगने वाले 3 गिरफ्तार:कर चुके हैं साढ़े तीन करोड़ की ठगी; कैंसर की दवा दिलाने के नाम पर ऐंठते थे पैसा, गाजियाबाद पुलिस ने ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए ठगने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

गाजियाबाद पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो दवा कारोबार से जुड़े लोगों को ठगता था। कुल तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस ने इनके खातों में जमा करीब पौने नौ लाख रुपए फ्रीज करा दिए हैं। पता चला है कि यह गिरोह अब तक साढ़े तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुका है। 

साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार के अनुसार, पिछले दिनों इंदिरापुरम और मधुबन बापूधाम थाने पर साढ़े 32 लाख रुपए ठगने की दो शिकायतें आईं। साइबर सेल ने शिकायतों की जांच की और फिर दिल्ली के लाजपत नगर में रह रहे बिजनौर निवासी सुरेंद्र को गिरफ्तार किया। ठगी का पैसा सुरेंद्र के खातों में गया था। सुरेंद्र की निशानदेही पर दो और आरोपी रूपचंद निवासी ग्राम बेरहमपुर, थाना सलोन (रायबरेली) और नवीन कुमार निवासी त्रिलोकपुरी, दिल्ली को गिरफ्तार किया। तीनों से पुलिस ने 12 चेक, 3 पैन कार्ड, 18 एटीएम कार्ड, 4 मोबाइल, एक मुहर और 9 हजार रुपए नगद बरामद किए हैं।

ऐसे करते थे ठगी
पुलिस के अनुसार, यह गैंग सबसे पहले फर्जी नाम-पते पर आधार कार्ड बनवाता था। इसके बाद उस आधार कार्ड के जरिए मोबाइल सिम खरीदते थे और फिर बैंक में खाते खुलवाते थे। इनसे एक ऐसा व्यक्ति मिला हुआ था, जो दवा कारोबार से जुड़े लोगों की डिटेल्स उपलब्ध कराता था। गिरोह में शामिल नाइजीरियन मूल के नागरिक ऐसे कारोबारियों से कॉल करते थे। बताते थे कि वह कैंसर, टीबी जैसी घातक बीमारियों की दवा का रॉ मैटेरियल उपलब्ध कराते हैं। भरोसा जमाने के लिए कारोबारी के पास अपना एक व्यक्ति सैंपल लेकर भेजते थे। इसके बाद डील करके कारोबारी से एडवांस रकम अपने खाते में जमा करा लेते थे।

पौने 9 लाख रुपए फ्रीज कराए
पुलिस को अभी तक की जांच में इस गिरोह के कुल 15 बैंक खाते मिले हैं। इन खातों में अभी तक करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। करीब पौने 9 लाख रुपए पुलिस को खातों में मौजूद मिले, जो फ्रीज करा दिए गए हैं। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह में शामिल रूपचंद पहले अधिकृत रूप से आधार कार्ड बनाता था। बाद में शिकायत आने पर UIDAI ने उसकी आईडी ब्लॉक कर दी। इसके बाद वह फर्जी तरह से आधार कार्ड बनाने लगा।
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