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गाजियाबाद :- भीषण गर्मी में दूषित पेयजल की आपूर्ति बीमारी का कारण बन रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए 54 पानी के नमूनों में 15 फेल पाए गए हैं। इनमें से 8 गोल्फ लिंक की अलग-अलग सोसायटियों के हैं, जबकि 7 नमूने शहर के अलग क्षेत्रों के वाटर प्लांटों के हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पानी की जांच रिपोर्ट नगर निगम, जीडीए और प्रशासन को भेज दी है।

गोल्फ लिंक सोसायटी में दूषित पानी पीने से 148 बच्चे और महिलाएं बीमार हुए थे। 2 दिन तक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोसायटी में शिविर लगाकर लोगों की जांच की थी। उस समय भी 2 स्थानों से पानी फेल पाया गया था, इसके बावजूद सोसायटी में पानी की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि 1 से 22 अप्रैल के बीच पानी के 54 नमूने लिए गए थे, जांच में पाया गया कि 15 नमूने असंतोषजनक यानी पीने योग्य नहीं हैं। उन्होंने बताया कि एच2एस जांच में पानी में गंदगी की जांच की जाती है। इस दूषित पानी से पेट संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अरविंद डोगरा का कहना है कि दूषित पानी पीने से पेट में संक्रमण होने पर उल्टी, दस्त, बुखार और पेचिश होना सामान्य बात है, लेकिन कई बार मरीज को त्वचा संबंधित बीमारी, पेट में अल्सर, लिवर खराब होने से पीलिया और कई महीने तक गैस से संबंधित परेशानी हो जाती है।

इन स्थानों में दूषित पाया गया पानी
महागुनपुरम मेन टैंक के अलावा गंगा, रिद्धि, भागीरथी, सरस्वती, नर्मदा और विनायक टावर का टैंक, पानी की टंकी गोल्फ लिंक, स्कार्डी गोल्फ लिंक, आशियाना, अंसल अपार्टमेंट, मुकेश वाटर प्लांट सर्वोदय नगर, कृष्णा वाटर प्लांट रामनगर, उज्जवला वाटर प्लांट, अमित कुमार वाटर प्लांट द्वारिका पुरी, सुपर साइन वाटर प्लांट पटेल नगर
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