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गाजियाबाद :- जून से लेकर जुलाई तक 14 शादियों के मुहूर्त बचे हैं। जुलाई माह में 9 तारीख के बाद से 4 माह के लिए शादियों और शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। देवशयनी एकादशी के बाद 4 माह तक शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाता है। इस बार नवंबर और दिसंबर में भी शादियों के काफी कम मुहूर्त हैं।

पंडित विपिन शर्मा ने बताया कि 9 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी 4 माह तक श्री हरि विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं इसलिए 4 माह तक शुभ कार्य वर्जित होते हैं। 4 नवंबर को देवोत्थान एकादशी से शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार नवंबर के बाद भी शादियों के काफी कम मुहूर्त हैं। आमतौर पर देवोत्थान एकादशी से शादियों के शुभ मुहूर्त शुरू हो जाते हैं लेकिन इस बार शुक्र का तारा अस्त होने की वजह से नवंबर में शादियों का काफी कम साया है। नवंबर में महज एक शादी का शुभ मुहूर्त है वह है 28 नवंबर का। नवंबर से लेकर दिसंबर तक महज 7 शादियों के शुभ साये हैं।

शुक्र का तारा हो रहा अस्त
पंडित दुलीदत्त कौशिक ने बताया कि 30 सितंबर को शुक्र अस्त हो रहा है। शुक्र का तारा 24 नवंबर को उदय होंगे। इस बीच इस बार देवोत्थान एकादशी को भी शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा है। दांपत्य जीवन के लिए और शादियों के लिए शुक्र को खास ग्रह माना जाता है। शुक्र का तारा अस्त होने पर विवाह के लिए यह शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस बार देवोत्थान एकादशी को भी अबुझ साया होने के बावजूद शुभ साया नहीं है।

जून से लेकर दिसंबर तक के शादियों के साये
जून - 8, 10, 11, 14 , 17, 20, 21, 22 और 23
जुलाई-3 ,6, 7 ,8 और 9 जुलाई (इसके बाद चार महीने का ब्रेक)
नवंबर - 28 नवंबर
दिसंबर - 2,3,4,7,8,9
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