रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- हरनंदी नदी का जल स्वीकार नहीं, जल देख भड़के डीएम गाजियाबाद विश्व ब्राह्मण संघ के प्रवक्ता बीके शर्मा हनुमान ने जिला प्रशासन को हरनंदी नदी का जल भेंट कर कहा कि दावे और वादे तो सबने किये मगर कब होगी हरनंदी नदी प्रदूषण मुक्त देश में प्रदूषण की मार झेल रही विभिन्न नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों के स्तर पर विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े प्रोजेक्टों के माध्यम से प्रदूषण मुक्त करने का कार्य चल रहा है। 

हालांकि यह बात अलग है कि कहीं यह कार्य अभी तक भी केवल फाइलों में ही चल रहा है और कहीं धरातल पर कछुए की धीमी रफ्तार के साथ कार्य चल रहा है। धरातल पर आलम यह है कि देश की राजधानी दिल्ली से चंद किलोमीटर दूर होकर गुजरने वाली पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व वाली हरनंदी (हिंडन) नदी मृतप्राय होने के कगार पर है और हमारा सिस्टम तमाशबीन बनकर बैठा हुआ तमाशा देख रहा है। 

सिस्टम व आम जनमानस की उपेक्षा का शिकार होने के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से होकर गुजरने वाली हरनंदी (हिंडन) नदी भी आज उन नदियों में शुमार है जो लापरवाही के चलते एक गंदे नाले में तब्दील होकर रह गयी है।वैसे देखा जाये तो मुख्य रूप से हरनंदी (हिंडन) नदी वर्षा पर निर्भर रहने वाली एक बड़ी बरसाती नदी है, जो कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में शाकुंभरी देवी रेंज के ऊपरी हिस्से शिवालिक रेंज से निकलती है। हरनंदी (हिंडन) नदी की काली व कृष्णा प्रमुख सहायक नदियां हैं, जो स्वयं आज इतना अधिक प्रदूषित हैं कि बहुत सारे लोग तो इनको नदी की जगह गंदा नाला ही मानते हैं। और यह यमुना नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, जो कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जनपद में पहुंचकर यमुना नदी में मिल जाती है। 

इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी सुभाष त्यागी संदीप त्यागी रसम समाज सेविका विनीता पाल मनोज शर्मा आरपी शर्मा डॉक्टर एनएस तोमर जितेंद्र जिंदल सचिन भारती अरुण  त्रेहन जय वीर कश्यप जीवेश झा अमन झा भास्कर झा दीपक पांडे प्रशांत शर्मा आदि मौजूद थे।
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