रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- दरोगा सीधी भर्ती में हुई धांधली में विजिलेंस को 12 ऐसे दरोगाओ के नाम मिलने की बात सामने आई है जिन्होंने नकल करके दरोगा भर्ती परीक्षा पास की हैं। विजिलेंस की टीम इन सभी के खिलाफ पुख्ता जांच और एविडेंस जमा करने में जुट गई है। नकल की पुष्टि होने पर इन दरोगाओ पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। जिससे इनकी नौकरी तो जायेगी ही साथ है जेल और रिकवरी अलग से होगी।

सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने संदिग्ध दरोगाओं की लिस्ट विजिलेंस को सौंपी है। एसटीएफ कई महीनो से यूकेएसएसएससी घोटाले के जांच में जुटी है। इसी जांच के दौरान इन संदिग्धों की जानकारी सामने आने की बात सामने आई है। गौरतलब है की दरोगा भर्ती में धांधली की जांच विजिलेंस कर रहीं है । विजलेंस भी कई एंगल से इस जांच को आगे बढ़ा रही है। कहा जा रहा है जल्द ही विजलेंस कुछ खुलासे कर सकती है।

मालूम हो कि 6 पुलिस अधिकारियों ने झूठा मुकदमा पिता-पुत्र के खिलाफ विपक्षी से मिलकर पोक्सों में दर्ज कराया था। घटना 6 अगस्त 21 की कोतवाली नगर हरिद्वार की है। शहर भर में ये चर्चा जोरों पर है कि 6 अगस्त 2021 को वरिष्ठ पत्रकार सहित उसके पूरे परिवार पर साजिशन सुनियोजित तरीके से एक राय होकर जिस प्रकार फ़र्ज़ी झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था। इस फ़र्ज़ी मुकदमें की io महिला दरोगा पहले सीपीयू में तैनात थी, उसे वरिष्ठ पत्रकार को झूठे मुकदमे में लपेटने के लिए ही कोतवाली में तैनाती दी गयी थी। 

आरोप है कि उक्त महिला दरोगा सहित अन्य दो महिला दरोगा ने भी इस साजिश का हिस्सा बनते हुए फ़र्ज़ी औऱ झूठी चार्जशीट कोर्ट भेजी, जबकि गवाहों के बयान भी एक ही प्रकार के अंकित किये और वरिष्ठ पत्रकार सहित उसके परिवार के बयानों को गायब करते हुए मनगढ़त बयान चार्जशीट में द‌ाखिल किए। सूत्रों के अनुसार 2015-16 भर्ती में हुई धांधली का जो खुलासा हुआ है, उसी भर्ती में ये दरोगा भी शामिल हो सकती हैं ?
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