◼️ऐसे पुलिस अधिकारी खनन माफिया से लेकर भू माफियाओं के साथ सांठगांठ कर सरकार को कर रहे गुमराह 



सिटी न्यूज़ | हिंदी......✍🏻

हरिद्वार :- देवभूमि उत्तराखंड में जहां एक और सरकार की छवि को लेकर राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त करने को लेकर सख्त दिखाई दे रहे हैं वही उत्तराखंड राज्य की मित्र पुलिस के कुछ भ्रष्ट अधिकारी सरकार को ठेंगा दिखाते हुए अपने तानाशाही पर उतर रहे हैं खनन माफियाओं से लेकर भू माफियाओं के साथ ही मोटी सांठगांठ कर करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित करने वाले ऐसे पुलिस अधिकारियों ने सारी हदें पार कर धामी सरकार की छवि को भी धूमिल कर दिया है।

यदि कोई पत्रकार ऐसे पुलिस अधिकारियों की सच्चाई को  खबर के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने का काम करता है तो यह अधिकारी उन्हीं पत्रकारों को अपना निशाना बना रहे हैं और षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसा कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है सवाल यह है कि यदि मित्र पुलिस के ऐसे अधिकारी लोकतंत्र का चौथे सतंभ माने जाने वाले पत्रकारों के साथ ही इस तरह का उत्पीड़न कर रहे हैं तो एक आम जनता के साथ क्या न्याय होता होगा जहां उत्तराखंड राज्य में बड़े-बड़े भू माफिया खनन माफिया खनन माफिया खुलेआम ऐसे अधिकारियों के साथ बैठकर चाय नाश्ता कर रहे हैं वहीं सीधे-साधे पत्रकारों के साथ ऐसा प्रण किया जाना कहां का न्याय है ऐसा ही एक प्रकरण जनपद हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार के साथ विगत दिनों हुआ था जिसमें हरिद्वार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए षड्यंत्र के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करने को हरिद्वार हरिद्वार कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक पर दबाव बनाया । 

जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश का पालन करते हुए संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार व उनके पुत्र की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से मानसिक प्रताड़ना दी गई थी जिसके बाद वरिष्ठ पत्रकार द्वारा  राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों की शिकायत दर्ज कराई गई है जिसमें अभी तक ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो सकी  यदि उत्तराखंड सरकार पत्रकारों को ही न्याय दिलाने में नाकाम साबित हो रही है तो भला राज्य में आम जनमानस के साथ क्या हो रहा होगा इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि राज्य में ऐसे पुलिस अधिकारी सरकार को भी गुमराह कर छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जबकि राज्य के पुलिस महानिदेशक श्रीमान अशोक कुमार जी द्वारा भी ऐसे पुलिस अधिकारियों को अपराध नियंत्रण को लेकर निर्देशित करते रहते हैं लेकिन सारे निर्देशों को ताक पर रखकर ऐसे पुलिस अधिकारी सिर्फ अपने वारे न्यारे करने में मस्त हैं यदि अभी भी सरकार ऐसे पुलिस अधिकारियों पर सख्त नहीं हुई तो प्रदेश की कानून व्यवस्था किस प्रकार पटरी पर आएगी।
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