गाजियाबाद :-
       13 घंटे तक शुक्रवार को गाजियाबाद से नोएडा के 8 बड़े सरकारी और निजी अस्पतालों में परिजनों ने गर्भवती को बचाने की जद्दोजहद की लेकिन लापरवाह सिस्टम के कारण देर शाम महिला और गर्भवती शिशु की मौत हो गई इलाज के अभाव में परिजनों ने एंबुलेंस में गर्भवती के दम तोड़ने का आरोप लगाया वहीं मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने पर नोएडा के डीएम सुभाष एलवाई ने एडीएम वित्त मुनींद्र नाथ उपाध्याय और सीएमओ डॉ दीपक ओहरी को मामले की जांच सौंप दी


राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता इंद्रजीत सिंह टीटू ने घटना पर अपना रोष जताया 

इंद्रजीत सिंह टीटू ने बताया की मुझे इस घटना से बहुत दुख पहुँचा है,आज सुबह सभी अखबारों में आधे पेज की खबर पढ़कर आंसू रोक नहीं पा रहा हूं --- किसे दोषी माने---- किसे नहीं ---किसको जांच दे ---किसको नहीं ---क्या कोई लौटा पाएगा उस बच्चे को जिसने इस दुनिया में आना था या मातृशक्ति का मंचों का सम्मान करने वाले शब्दों से पेट भरने वाले  नेता नीलम को वापस ला पाएंगे
      मेरा सवाल है ---सत्ता में बैठी( केंद्र और राज्य सरकार से )
 ----व्यवस्थाओं को लेकर रोज ढिंढोरा पीटा जा रहा है अखबारों में टीवी चैनल्स पर अगर सब कुछ ठीक है तो 5 या 7 हॉस्पिटलों में धक्का खाने के बाद नीलम और उसका आने वाला बच्चा अपना जीवन खो देता--- अब जितनी भी जांच बिठा ली जाए चाहे बड़ी सी बड़ी कोर्ट के रिटायर जज इसकी जांच करें   क्या जाने वाला वापस इस दुनिया में कोई लौट आ पाएगा केवल और केवल ---अखबार--- टीवी चैनल्स पर अब चर्चा बनेगी----- मुआवजे की घोषणाए होंगी ----सिंपैथी लेने के लिए अलग-अलग रोज बयान आएंगे क्या कुछ हासिल हो पाएगा
.       इस परिवार को एक बहुत बड़ा सवाल है मन में 
      लेकिन मुझे कहीं से जवाब मिलता नजर नहीं आ रहा
    2 दिन पहले एक बेजान जानवर हथिनी ने अपना जीवन और अपने बच्चे का जीवन खो गया बहुत सुर्खियां बटोरी इस खबर ने लेकिन कुछ नहीं
      अब मानवता खत्म हो गई है इस पर भी कुछ नहीं होना 3 दिन बाद चर्चा खत्म हो जाएगी
        यह है मेरा भारत यह मेरी सरकारे किसको दोषी माने ?किसको नहीं ?
   केवल और केवल एक सवाल ?
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