रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- 
       डॉ भीमराव अंबेडकर ज्ञानोदय समिति का कहना है भारत में प्रतिदिन अत्याचार हो रहे हैं और संवैधानिक संस्थाएं एससी एसटी एक्ट और एससी एसटी ओबीसी के प्रतिनिधित्व के खिलाफ हो रही हैं । अल्पसंख्यक के साथ मॉबलिंचिंग हो रही है और दबंगों को ऐसा लगने लगा है कि उनका कुछ भी बिगड़ने वाला नहीं है। ऐसा लगता है कि कोरोना, गरीबी, भुखमरी औऱ बेरोजगारी से बड़ी समस्या एससी एसटी एक्ट ओबीसी एसटी एससी का  प्रतिनिधित्व है। डॉ भीमराव अंबेडकर ज्ञानोदय समिति (पंजी.) गाजियाबाद इस ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मांग करता है कि 
1. प्रत्येक जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक थाना अध्यक्ष ग्राम प्रधान पार्टी प्रमुख एनजीओ प्रमुख लीगल एड क्लीनिक कार्यालयों पेंशनरों विशेष पुलिस अधिकारियों सिविल डिफेंस निजी कार्यालयों सार्वजनिक स्थलों पूजा करो वाहनों अस्पतालों स्कूलों तथा अन्य संस्थाओं द्वारा गांव गांव मोहल्लों में गोष्ठी आयोजित कर के नागरिकों को शिक्षित एवं प्रेरित किया जाए होल्डिंग लगवाए जाएं विधिक साक्षरता शिविर लगाए जाएं ताकि कमजोर वर्ग के लोगों को सिर गंजा करके चप्पलों की माला पहनाकर पेशाब पिलाकर मोबलिंचिंग, बलात्कार हत्या करके दिखाना और सोशल मीडिया पर घटनाएं न हों इस संबंध में सर्व संबंधितों को प्रशिक्षण कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जाये।
2. लखनऊ थाना पीजीआई के गांव विनोरा में अनुसूचित जाति के लोगों को चप्पलों की माला पहना कर घुमाया और फिर उन्हीं को जेल भिजवाना अत्यंत शर्मनाक है इस घटना के दोषियों के विरूद्ध एनएसए की कार्रवाई की जाए।
3. मोब्लिंचिग, एट्रोशस रेप,एट्रोशस अगजनी, हत्या में NSA लगाया जाये।
4.संवैधानिक संस्थाओं में चाहे संविधान पीठ हो या शासन के मामले निर्णय लेने के लिए हर बॉडी में कम से कम एक ST दो SC 5 OBC एक समान्य  एक अल्पसंख्यक एक महिला सदस्य अवश्य हो, इसी तरह की गाइडलाइन सभी कार्यालयों में निर्णय मंडल बनाने हेतु जारी की जाए। 
5. प्रतिनिधित्व एससी एसटी एक्ट मजदूर कल्याण 9th शेड्यूल में रखे जाएं ।ओबीसी की क्रीमी लेयर खत्म की जाए ।
6. एससी एसटी ओबीसी के प्रतिनिधित्व के सभी प्रावधान जुडिशल रिव्यु से मुक्त रखे जाएं।
7.आईजेएस शुरू की जाए और यूपीएससी द्वारा परीक्षा आयोग की जाए। इस मौके पर एडवोकेट प्रमोद ए आर निमेश, शेषराज भारती एडवोकेट, महावीर सिंह एडवोकेट, अमित प्रकाशएडवोकेट, ऋषिदेव एडवोकेट आदि उपस्थित रहें।
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