रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियबाद :-
         जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय द्वारा आज बुलाई गयी गाजियबाद अभिभावक-संघो की मीटिंग मैं एक दिन पहले हुई स्कूल प्रबन्ध्को की बातों को जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा मीटिंग प्रारम्भ होने से पहले मीटिंग में उपस्थित अभिभावक-संघो के समक्ष रखा गया जिसमें स्कूलों द्वारा डीएम महोदय को कही गयी बातों का सार निम्न प्रकार से है!

1. स्कूल द्वारा अभिभावक से अप्रैल से जून तक की फ़ीस की मांग!

2. स्कूल द्वारा बताया गया की ऑनलाइन क्लास देने के अंतर्गत स्कूलों का हो रहा है अत्यधिक खर्चा!

3. स्कूल ने कहा स्कूल खुलने के तदुपरांत बच्चों की सुरक्षा के लिए होगा स्कूलों का अतरिक्त खर्चा !
 
4. स्कूल ने कहा अक्षम अभिभावक लिखित मैं स्कूलों को फ़ीस न देने के बारें मैं करे अवगत और बताये आगे कब तक अभिभावक फ़ीस भरने मैं होंगे सक्षम।

5. स्कूलों ने कहा अभिभावकों के फ़ीस न देने के कारण स्कूल नहीं भर पा रहे है अपने द्वारा लिए गए लोन की क़िस्त।

उपरोक्त ऊपर दिए गए सभी मुद्दों पर ग़ाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिशन ने ग़ाज़ियाबाद की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने समस्त अभिभावकों का पक्ष  जिलाधिकारी के समक्ष रखा जो की निम्न प्रकार से है!

1. डिस्ट्रिक्ट फीस रेगुलेटरी कमिटी गाजियबाद द्वारा साल 2018 मैं दिए गए निजी स्कूलों  को आदेशों के तहत जिन भी स्कूलों के पास रिज़र्व फंड जाच में पाया गया था वह अपने टीचर एवं स्टाफ की सैलरी उस रिज़र्व फंड से देते हुये अभिभावको की एक तिमाही फीस माफ करनी चाहिए एवं जिन स्कूलों ने अपनी बैलेंस-सीट को सार्वजनिक नही किया था उस वक़्त वो सभी स्कूल अपनी बैलेंस-सीट को शासन के समक्ष सार्वजनिक करें।

2. ऑनलाइन क्लास के तहत क्लास लेने के लिए अभिभावकों पर एक अतरिक्त खर्चे का बोझ औऱ बढ़ गया है ऑन लाइन क्लास की वजह से आभिभावक और बच्चे दोनो ही मानसिक तनाव में है कक्षा एक से कक्षा आठ तक की ऑन लाइन क्लास पर तत्काल र्रोक लगाई जाये

3. जीपीए की अध्य्क्ष ने कहा अगर किसी प्रकार से कोई स्कूल अपने टीचर की सैलरी या स्कूलों द्वारा लिये गये लोन की क़िस्त को  भरने मैं अक्षम है तो स्कूल, अभिभावकों से फीस माँगने की बजाये सरकार से स्कूलों के लिये राहत पैकेज की मांग करें ना की अभिभावकों से  बार-बार फ़ीस मांग कर अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न।

4. निजी स्कूलों द्वारा शासन के            एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लगाने वाले आदेश की अनदेखी करते हुए अभिभावकों को प्राइवेट पब्लिशर की किताबें खरीदने के लिये बाधित किया जा रहा है इसलिए आदेश न मानने वाले स्कूलों पर कार्यवाही की जाये। क्योंकि इस वक़्त जहां सामान्य-वर्ग अपने रिज़र्व फंड से मुश्किल से अपना घर चला रहा है  वह कहां से इस वक़्त 5 से 8000 तक की इन प्राइवेट पब्लिशर की किताबों ख़रीद सकता है यह जानते हुए भी की इस साल स्कूल खुलेंगे भी या नही।


5.ग्रीष्मकालीन छुटियों के बावजूद भी अधिकतर स्कूलों द्वारा बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई अभी भी करायी जा रही है जिसके लिए गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिशन आपसे मांग करता है की ग्रीष्मकालीन छुटियों के दौरान तो कम से कम ऑनलाइन क्लास बंद करायी जाये।


साथ ही गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिशन ने कोविएड-19 के इस भयानक दौर मैं जहां प्रतिदिन 10000 से ज्यादा संक्रमण के केस आने शुरू हो गए है वहाँ पर स्कूलों को खोलने मैं किसी भी प्रकार की जल्दबाज़ी शासन एवं सरकार द्वारा नही की जाने की अपील की क्योंकि गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिशन के एक ऑनलाइन सर्वे के के अनुसार 97% अभिभावक स्कूलों को इस वक़्त खोलने मैं बिल्कुल भी  सहमत नही है सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट भी गाजियबाद पेरेंट्स एसोसिशन द्वारा डीएम महदोय के समक्ष रखी गयी आगे गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिशन द्वारा रखे गए उपरोक्त अभिभावकों के हितों के मुद्दों पर जिलाधिकारी एवं शासन से एक सकारात्मक जवाब आएगा। आज की मीटिंग मैं गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिशन के अलावा सनवैली पेरेंट्स एसोसिशन के जगदीश बिष्ट एवं अन्य ज़िलें के अन्य पेरेंट्स एसोसिशनों ने भी भाग लिया।
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