रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
        लगभग 2 माह का बच्चा जिसकी नाक जन्म के थोड़े दिनों बाद ही बंद हो गई थी,के माता-पिता यशोदा अस्पताल के वरिष्ठ नाक कान व गले के सर्जन डॉ नृपेन विश्नोई के पास बच्चे को लेकर OPD में आये। प्रारंभिक जांच करने पर डॉ विश्नोई ने पाया कि बच्चे की नाक में एक मांस है जिससे आगे सीटी स्कैन और एमआरआई करके यह पता लगाया गया कि बच्चे का ब्रेन का हिस्सा और ब्रेन के ऊपर की झिल्ली नाक में आ गई है। इस बीमारी को MENINGO-ENCEPHALOCELE कहते हैं। इस बीमारी में ब्रेन और नाक के बीच हड्डी में डिफेक्ट आ जाता है जिससे कि ब्रेन और ब्रेन के ऊपर की झिल्ली नाक में आ जाती हैं। यह बहुत ही रेयर बीमारी है। इस बच्चे में यह डिफेक्ट लगभग आधा सेंटीमीटर का पाया गया। बीमारी और इसके ऑपरेशन के बारे में डॉक्टर विश्नोई ने विस्तार पूर्वक बच्चे के माता-पिता को बताया। इस कठिन कोरोनावायरस के समय में यह जटिल ऑपरेशन दिनांक 14/07/2020 को सफलतापूर्वक किया गया। 

इस ऑपरेशन की सबसे खास बात यह रही कि यह ऑपरेशन नाक में बिना किसी चीरे के किया गया और इसमें लगभग 2 घंटे का समय लगा। हड्डी का डिफेक्ट (GAP) बंद करने के लिए बच्चे की THIGH में से चर्बी एवं झिल्ली (Fascia) लिया गया। 
यह ऑपरेशन दूरबीन आने से पहले न्यूरो सर्जन द्वारा किया जाता था जिसमें पूरा ब्रेन खोलना पड़ता था एवं रिस्क की बहुत ज्यादा संभावना होती थी। पहले इसके ऑपरेशन में भी काफी समय लगता था और ऑपरेशन के बाद रिकवरी में भी तीन से चार हफ्ते लग जाते थे। जबकि दूरबीन से ऑपरेशन के बाद मरीज 4 से 5 दिन में बिल्कुल फिट हो जाता है एवं रिस्क भी कम होती है। 

डॉ बिश्नोई इस दूरबीन की तकनीक से कई जटिल ब्रेन ट्यूमर एवं पिट्यूटरी टयूमर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन यशोदा अस्पताल में कर चुके हैं।

इस ऑपरेशन की सबसे अहम बात यह है कि इस छोटी उम्र में बच्चे की सर्जरी गाजियाबाद जनपद में पहली बार हुई है और पूरी भारत में यह दूसरा बच्चा है जो कि 2 माह में  इस बीमारी के लिए ऑपरेट हुआ है। इससे पहले भारत में जो बच्चा ऑपरेट हुआ था उसकी उम्र मात्र 21 दिन थी।

यशोदा हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ रजत अरोरा ने डॉ विश्नोई एवम उनके सहयोगी डॉ (मेजर) सचिन दुबे, neonatologist डॉ करण रहेजा पेडियेट्रिक इंटेंसिविस्ट को इस अभूतपुर्ब आपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए ढेर सारी बधाइयां दी। उन्होंने कहा कि यशोदा हॉस्पिटल का हमेशा यही प्रयास रहा है कि जनपद वासियों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सके।
Previous Post Next Post