रिपोर्ट :- सीएन राही


गाजियाबाद :-
        देश भक्ति के विषय में हर किसि के अपने मायने हो सकते है पर एक समृद्ध और शक्तिसम्पन्न राष्ट्र बनने के लिए ज़रूरी है कि उसका हर नागरिक देश भक्ति की भावना से भरा हो । क्योंकि जब तक वो देशभक्ति से भरा नही होगा तब तक ज़रूरत पड़ने पर वो किसि बलिदान या त्याग के लिए तैयार नही हो सकेगा । यहाँ बलिदान और त्याग से मेरा आशय सीमा पर जाकर लड़ने से नही है क्योंकि ऐसा करना हर नागरिक के लिए ना तो  संभव है और ना ही इसकी जरूरत है । यहाँ बलिदान और त्याग से मेरा आशय है कि हर नागरिक अपने कर्तव्य का निष्ठा से पालन करे ,राष्ट्रीय हितों  को अपने निजि हितों से हमेशा ऊपर रखे, संविधान के नियम कानूनों का ईमानदारी से पालन करें ,अपने लोगों द्वारा अपने ही देश मे बनाई चीजों का उपयोग करें और देश के हर संसाधन पर प्रत्येक देश वासी का  समान अधिकार है ऐसा दृढ़ निश्चय कर उनका उपयोग करें साथ ही साथ हर देश वासी मेरे अपने परिवार जैसा है ऐसा अपना विचार और व्यवहार रखे बस यही हमारी सबसे बड़ी राष्ट्र भक्ति होगी । जिस तरह परिवार के सभी सदस्यों की  निष्ठा ,समर्पण व निष्काम कर्म के भाव के बिना एक परिवार उन्नति नही कर सकता है उसी तरह एक राष्ट्र भी तब तक उन्नति के शिखर को नही छू सकता जब तक कि उसका प्रत्येक नागरिक उसके लिए समर्पित ना हो । तो आइए शपथ लें कि राष्ट्रीय हितों की अनदेखी न तो करेंगे और न ही सहेंगे क्योकि देश भक्ति में देश की शक्ति छिपि है और इसी शक्ति के पीछे छिपा है शांति का मंत्र । इसी मंत्र से निकलेगा चीन से चल रही तना तनी हल ।
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