रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :-
      उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा की पूर्व सांसद दिवंगत फूलन देवी की पुण्य स्मृति पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।  1996 में फूलन ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर सीट से (लोकसभा) चुनाव जीता और वह संसद तक पहुंच गईं। आइए डालते हैं उनकी जिंदगी पर एक नजर-

बता दें कि उनका जन्म 10 अगस्त 1963 को यूपी जालौन के घूरा का पुरवा में हुआ था। गरीब और ‘छोटी जाति’ में जन्मी फूलन में पैतृक दब्बूपन नहीं था। उसने अपनी मां से सुना था कि चाचा ने उनकी जमीन हड़प ली थी। दस साल की उम्र में अपने चाचा से भिड़ गई। जमीन के लिए धरना के साथ चचेरे भाई के सर पर ईंट मार दी। इसके बाद 10 वर्ष की उम्र में उसकी शादी 35-40 साल के मर्द संग कर दिया गया।

फूलन को बेहमई गांव में एक घर के एक कमरे में बंद कर दिया गया था। तीन सप्ताह की अवधि में कई उच्च जाति के ठाकुर पुरुषों के उत्तराधिकार द्वारा उसे पीटा गया, बलात्कार किया गया और अपमानित किया गया। उन्होंने उसे गांव के चारों ओर नग्न कर घूमाया। इसके बाद वह तीन सप्ताह की कैद से भागने में सफल रहीं।

बेहमाई से भागने के कई महीनों बाद, फूलन बदला लेने के लिए गाँव लौटी। 14 फरवरी 1981 की शाम को, उस समय जब गांव में एक शादी चल रही थी, फूलन और उसके गिरोह ने बदला लिया जहां गोलियों की बौछार हुई और 22 लोग मारे गए। फूलन को इस क्षेत्र के गरीब लोगों का समर्थन प्राप्त था। उसे बैंडिट क्वीन कहा जाने लगा, और उसे भारतीय मीडिया द्वारा एक निडर और अदम्य महिला के रूप में महिमामंडित किया गया।
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