रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :-
व्यापार मंडल के मेरठ मंडल अध्यक्ष एडवोकेट अरविंद कुमार तेवतिया ने कहा की राजनीतिक पार्टियों के द्वारा भारतीय सेना को लेकर राजनीति करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है चाहे वह वर्तमान केंद्र सरकार हो या फिर पूर्व में केंद्र में रही सरकारें हो यहां के नेता गण जो लोग सेना को लेकर अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने पर लगे हुए हैं मैं उन लोगों से पूछना चाहता है कि उनके परिवार से आज तक कितने लोग सेना में भर्ती होकर देश की सेवा में रहे हैं, संभवत चंद ही लोग ऐसे हैं जिनके परिवार के लोगों में देश की रक्षा के लिए देश की सीमा पर दुश्मनों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपना बलिदान दिया बाकी तो अधिकांश नेता केवल और केवल सेना के बलिदान पर देश के वीर सैनिकों की शहादत पर राजनीतिक रोटियां सेकने पर लगे हैं जहां तक भारतीय सेना का सवाल है मैं आप सभी लोगों को बतादू कि भारतीय सेना में भर्ती होने वाले लोग अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के और किसान परिवार के लोग हैं जिनके अंदर जो का जज्बा है उसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक को भारतीय सैनिकों के व किसानों के जज्बे को सलाम करना चाहिए बार-बार प्रणाम करना चाहिए,किंतु कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए देश के वीर सैनिकों की शहादत पर अपनी अपनी वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं जो बिल्कुल भी देश हित में नहीं है
वीर सैनिकों की शहादत पर उनके बलिदान पर वोटों की राजनीति करना निंदनीय कार्य है सैनिकों के बलिदान पर राजनीति करने वाले नेताओं को जनता कभी माफ नहीं करेगी जो नेता शहीद सैनिकों के इस अमूल्य बलिदान पर वोटो की राजनीति कर रहे हैं जनता सब देख रही है
केंद्र सरकार ने चाइनीज कंपनी के साइबर मीडिया पर चला रहे 59 एप्स का पर जो प्रतिबंध लगाया है वह बहुत अच्छा कार्य किया है क्योंकि चीन एक ऐसा देश है जो केवल और केवल अपने स्वार्थ के लिए ही भारत से मिथ्या पूर्ण मित्रता के संबंध रखता है चीन एक धोखेबाज देश है
यह मुंह में राम बगल में छुरी वाली कहावत चीन पर बिल्कुल फिट बैठती है पूर्व में भी इसने भारत का हिस्सा कब जाने का प्रयास किया था किंतु भारत की जांबाज सेना ने उसे मुंहतोड़ जवाब देकर उसे यह अहसास कराया कि यह पहले वाला भारत नहीं है भारत का एक-एक नागरिक आप अपने देश की सुरक्षा के लिए रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार है इधर देश के अंदर भी जनता बहुत जागरूक है और चाइनीस उत्पादकों को एक सिरे से नकार रही है,पूर्व में मोबाइल के अंदर डाउनलोड किए गए एप्स को भारत की जनता डिलीट कर रही है इससे यह सिद्ध होता है कि भारतवर्ष का एक एक नागरिक अपने देश के हित में एकजुट होकर खड़ा है। देश मे कई जगह तो कई संगठनों के माध्यम से लोगों ने भविष्य में चाइनीज उत्पाद नहीं खरीदने का भी संकल्प लिया है वह दिन दूर नहीं जब एक आत्मनिर्भर भारत बनकर रहेगा