◼आज की नहीं बरसों की सोच रहे, बाजारों में बेवजह भीड़ बनकर टूट रहे, कर्मठ पुलिस दल, सेवा भावी डॉक्टर, प्रशासन, सब मिलकर निकाल रहे हल, तुम मेरा साथ दो, यह है मुश्किल अवसर, धीर धरो घर में रहो, विनती पल पल, तुम ही जिंदा रख सकते हो, निकालकर हल, तुम्हीं ने पहनाया मुझे नंबर वन का ताज, दीया मेरी रूह को सुकून, क्यों ना अबकी बार भी, कोरोना को हराकर खुद पर करें गुरुर, भूल जाओ हिंदू हो, या मुसलमान, तुम सब हो, केवल हो इंसान, तुम से इतनी सी अर्ज है अवाम, कोरोना महामारी छूत की बीमारी है, ऐसे में घर से निकलना नादानी है, मास्क पहनना भीड़ से बचना, घर में रहना, यह सब जिम्मेदारी हमारी है
रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी
गाजियाबाद :-
क्या देश में कोरोना के प्रति नागरिकों की लापरवाही बढ़ती जा रही है, बाजारों की चहल-पहल से ऐसा लगता है, लोगों का कोरोना का खौफ खत्म हो गया है, पर हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए, दिन प्रतिदिन कोरोना पीड़ितों की संख्या का इजाफा बढ़ना ही देश के लिए हानिकारक है
अजय गुप्ता ने बताया की नागरिकों के मन से कोरोना का खौफ धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है, आज की नहीं बरसों की सोच रहे, बाजारों में बेवजह भीड़ बनकर टूट रहे, जबकि हमारे कर्मठ पुलिस दल, डॉक्टर, और प्रशासन इसके लिए नागरिकों को बराबर सतर्क कर रहे हैं, ऐसा लगता है बच्चे इस बार इम्तिहान देंगे, और कोरोना इम्तेहान लेगा हमें जागरूक होना चाहिए, कोरोना के प्रति, इसका कीटाणु कितनी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, केंद्र सरकार और प्रशासन का आग्रह है, अभी कुछ दिन और अनुशासन में रहकर, कोरोना की चेन को तोड़ने में मदद करें बेवजह घरों से ना निकल कर, सोशल डिस्टेंसिंग, एवं मास्क, और दो गज की दूरी जो जिंदगी के लिए है जरूरी, उस पर हमें अमल करते हुए कोरोना वायरस से मुक्ति पानी है, सावधानी रखनी है, और परिवार का ध्यान रखना है,
जय हिंद--
अजय गुप्ता प्रदेश सचिव अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन आईवीएफ एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल