रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
        बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के मिशन और साहब कांशीराम के सामाजिक परिवर्तन के सपने को साकार करने उतरी भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी उस दिशा में आगे बढती दिख रही है। आसपा अध्यक्ष और भीम आर्मी चीफ़ चन्द्रशेखर रावण ने पहले युवा,छात्र व महिला मोर्चा खड़ा करने का एलान किया था। अब उन्होने सबसे पहले महिला मोर्चा में नियुक्ति का एलान कर भारत की राजनिती को नई दिशा की और मोड़ दिया है। ये नियुक्ति शेखर ने मंडल स्तर पर की हैं। उप्र की बात करेँ तो उन्होने प्रदेश को 6 संभागो में बाट कर अपने सिपहसलार नियुक्त कर दिए हैं और उनसे तेज गति से काम करने को कहा है,जिला कमेटियों की धडाधड घोषणा की जा रही है। बडे प्रदेश के बटवारे के हाम्बी माने जाने वाले चन्द्रशेखर बाबा साहेब के महिलाओ को सम्मान देने की सोच के भी बडे समर्थक हैं। इसलिये उन्होने महिलाओ की नियुक्ति सम्भाग के बजाय मंडल स्तर पर की है,ताकि उन्हे काम करने में आसानी भी रहे और ज्यादा प्रतिनिधित्व हो सके। अन्य पार्टियों में केवल जिला और प्रदेश स्तर पर माहिलाओ की नियुक्ति का प्रावधान है तो किसी किसी पार्टी में तो महिला,छात्र और युवा विंग ही नहीं हैं। मंडल स्तर पर महिलाओ को नियुक्ति देकर महिलाओ को सम्मान और जिम्मेदारी देते हुए बड़ी पहल की है। उन्होने प्रयागराज मंडल पर वन्दना सोनकर, मेरठ मंडल पर सावित्री विक्रांत गौतम, अर्चना गौतम को आगरा सम्भाग और कस्तूरी गौतम को मेरठ मंडल पर महिला मोर्चा की प्रभारी बनाया है।
महिलाओ को इस तरह राजनीती में भागीदारी देकर शेखर ने इरादे साफ़ कर दिए है कि साहब कांशीराम के जिसकी जितनी संख्या भारी,उसकी उतनी हिस्सेदारी जैसे नारे वे धरातल पर उतारने वाले हैं। पिछ्ले कुछ वर्षों से महिलाओं में राजनीती सहित तमाम क्षेत्रों में भागीदारी को लेकर छटपटाहट देखी गई है,लेकिन ज्यादातर राजनीतिक दलों ने उनकी छटपटाहट को इग्नोर ही किया है जबकि सच्चाई ये है कि महिलायें पुरुषो से ज्यादा गम्भीर होती हैं और उनसे अच्छा रिजल्ट देने में सक्षम हैं। चन्द्रशेखर ने 21 वी सदी के इस बदलाव को महसूस ही नही किया वरन बाबा साहेब के विचार और सिद्धांत को जमीन पर उतारकर साहेब कांशीराम को श्रधान्जली दे डाली है।
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