रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


अयोध्या :-
       दशकों पुराने उत्तर प्रदेश के रामनगरी अयोध्या का बाबरी विध्वंस मामला फैसले के दरवाजे पर खड़ा है। 30 सितम्बर को लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।

बता दें कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को घटी घटना ने न सिर्फ देश की सियासत को नया मोड़ दिया। इसके साथ ही आज भी एक पक्ष इस दिन को शौर्य दिवस के तौर पर मनाता है तो एक पक्ष काले रूप में। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना व विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। आइए जानते हैं उन किरदारों के विषय में जो राम मंदिर आंदोलन से जुड़े और राम मंदिर निर्माण के नायक बने।

लाल कृष्ण आडवाणीः इसके अगुआ रहे वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी। सितंबर 1990 में उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए दक्षिण से अयोध्या तक 10 हजार किलोमीटर लंबी रथयात्रा शुरू की। आलम यह हुआ कि राम मंदिर आंदोलन में देश भर के कारसेवक जुड़े। फिर 6 दिसम्बर 1992 के दिन जो कुछ हुआ उससे देश सुलग उठा। केंद्र की नरसिम्हा राव सरकार हिल गई।


अशोक सिंघलः बाबरी विध्वंस का चीफ आर्किटेक्ट अगर किसी को कहा जा सकता है तो वे हैं विहिप के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल।  वे 6 दिसंबर को राम कथा कुंज पर बने मंच से नारा लगवा रहे थे कि ‘राम लला हम आए हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे। एक धक्का और दो बाबरी मस्जिद तोड़ दो।

विनय कटियारः बाबरी विध्वंस मामले के अगले किरदार का नाम है बीजेपी के पूर्व सांसद विनय कटियार का। राम मंदिर आंदोलन को धार देने के लिए जब विहिप ने बजरंग दल का गठन किया तो उसकी कमान युवा विनय कटियार को सौंपी गई। कटियार ने 6 दिसंबर को अपने भाषण में कहा था, ‘हमारे बजरंगियों का उत्साह समुद्री तूफान से भी आगे बढ़ चुका है, जो एक नहीं तमाम बाबरी मस्जिदों को ध्वस्त कर देगा।

मुरली मनोहर जोशीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी इस मामले में आरोपी हैं। चार्जशीट के मुताबिक 6 दिसंबर को जोशी भी मौका-ए-वारदात पर मौजूद थे।

कल्याण सिंहः बाबरी विध्वंस के अगले किरदार हैं पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह। सिंह उस वक्त यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने उग्र कारसेवकों पर कार्रवाई से पुलिस प्रशासन को रोका. कल्याण सिंह उन 13 लोगों में हैं, जिन पर मूल चार्जशीट में मस्जिद गिराने की ‘साजिश’ में शामिल होने का आरोप लगा।

उमा भारतीः 6 दिसंबर को जब ढांचा गिराया गया उस वक्त उमा भारती अन्य बीजेपी और वीएचपी नेताओं के साथ मौके पर थीं। लिब्रहान आयोग ने बाबरी ध्वंस में उनकी भूमिका दोषपूर्ण पाई। उन्होंनेकहा कि उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं है।
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