लोन माफिया लक्ष्य तंवर


रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- 
       करोड़ों रुपए के लोन फर्जीवाड़े में फंसे कविनगर ई ब्लॉक निवासी लक्ष्य तवर के खिलाफ एक और मामला कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है तो रामनगर निवासी शिवम कुमार का आरोप है लक्ष्य तवर ने बहन की शादी में 3 लाख रुपये उधार देकर उन्हें झांसे में लिया इसके बाद एक करोड़ के बीमे के दस्तावेज बताकर उनके व उनके पिता से लोन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लिए, बैंक से चार करोड़ जमा कराने का नोटिस प्राप्त होने पर उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला,

शिवम के मुताबिक पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी कोर्ट के आदेश पर नगर कोतवाली ने लक्ष्य तंवर और उसकी पत्नी व बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है

रिपोर्ट के मुताबिक शिवम कुमार का कहना है कि उनके पिता सुनील कुमार और कविनगर आई ब्लॉक निवासी अशोक कुमार रिश्ते में चचेरे भाई हैं शिवम के मुताबिक वह कपड़ों की दुकान पर नौकरी करते हैं, उनके पिता कपड़ों पर व माँ घरों में चौका बर्तन करती है, कुछ साल पूर्व लक्ष्य तंवर अखबार बांटने का काम करता था, इसी दौरान उसकी एक बैंक मैनेजर से दोस्ती हो गई उसके बाद लक्ष्य तवर ने लोन दिलवाने का काम शुरू कर दिया

उनका कहना है कि 2015  बहन की शादी के लिए उनके पिता ने लोन दिलाने के संबंध में बात की कहा कि उन्हें ₹300000 उधार दे दिए कुछ दिनों का लक्ष्य एक प्रॉपर्टी उनके नाम तथा दूसरी प्रॉपर्टी उनके पिता के नाम कराने की बात कही। लक्ष्य ने पीएनबी की चंदननगर रामप्रस्थ शाखा में उनका एक करोड़ रुपये का बीमा कराने की भी बात कही। कुछ दिनों बाद उन्हें व उनके पिता को बैंक ले जाकर डिप्टी मैनेजर प्रियदर्शनी से मिलवाया।

दो मकान कराए नाम, सात माह बाद बैंक से आया 4 करोड़ का नोटिस 

शिवम का आरोप है कि डिप्टी मैनेजर ने उसके व उसके पिता के कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए। सितंबर 2018 में उन्हें एक करोड़ रुपये की पॉलिसी प्राप्त हो गई। इसके बाद वह लक्ष्य तंवर के और भी मुरीद हो गए। अक्टूबर 2018 में लक्ष्य तंवर ने दो मकानों की रजिस्ट्री उनके व उनके पिता के नाम करा दी। आरोप है कि मई 2019 में पीएनबी की उक्त शाखा से उन्हें व उनके पिता को दो-दो करोड़ रुपये जमा करने का नोटिस मिला। नोटिस के बारे में पूछने पर लक्ष्य ने बैंक द्वारा गलती से नोटिस जारी होने की बात कही। बाद में पता चला कि जो प्रॉपर्टी उनके नाम कराई गई थी, उस पर पीएनबी द्वारा दो-दो करोड़ रुपये का लोन निकाला गया है। इसके बाद उन्होंने उक्त प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री निकाली तो उसकी पावर ऑफ अटॉनी 31 जुलाई 2018 को लक्ष्य तंवर व उसकी पत्नी के नाम कर दी गई थी।

1.33 करोड़ की संपत्ति पर लोन

शिवम का कहना है कि दोनो प्रॉपर्टी की कीमत एक करोड़ 33 लाख के आसपास थी लेकिन बैंक अधिकारियों व लक्ष्य ने साठगांठ कर उन पर चार करोड़ का लोन निकाल लिया। उन्होंने पुलिस में शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। 

नगर कोतवाल संदीप सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर लक्ष्य तंवर, पीएनबी की चंदननगर रामप्रस्थ शाखा की तत्कालीन डिप्टी मैनेजर प्रियदर्शनी, ब्रांच मैनेजर उत्कर्ष कुमार, लक्ष्य तंवर, उसकी पत्नी प्रियंका तंवर व अन्य बैंककर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
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