रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
       विक्रम त्यागी अपहरणकांड में फोरेंसिक जांच की सुस्त चाल पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन रही है। पुलिस बुलंदशहर और हरिद्वार में मिले शवों की डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। दो बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी फोरेंसिक लैब की तरफ से कोई तीव्रता नहीं दिखाई गई है। जिसके चलते पुलिस ने एक बार फिर रिमाइंडर भेजने का फैसला लिया है। 

बीते दिनों फोरेंसिक लैब ने जोन में मिले शवों के फिंगर प्रिंट सैंपल भी वापस भेज दिए थे। ऐसी स्थिति में पुलिस पशोपेश में है कि वह आखिर करे तो क्या करे। बता दें कि विक्रम त्यागी अपहरणकांड में मुखबिर तंत्र, मेन्युअली वर्किंग और सर्विलांस सिस्टम फेल हो जाने के बाद पुलिस ने तकनीकी जांच का सहारा लिया था। इसके तहत सबसे पहले विक्रम त्यागी की कार में मिले खून का सैंपल परिजनों के सैंपल से मिलान को भेजा गया था। शुरूआती दौर में मामला सुर्खियों में होने के कारण फोरेंसिक लैब से डीएनए रिपोर्ट भी जल्द आ गई थी, जिसमें कार में मिला खून विक्रम त्यागी का होने की पुष्टि हुई थी। अनहोनी आशंका के मद्देनजर पुलिस ने खूब हाथ-पांव पीटे, लेकिन विक्रम त्यागी के बारे में कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद पुलिस ने उसी दौरान आस-पास के जिलों में मिले उन लावारिस शवों को ट्रेस किया था, जिनकी उम्र विक्रम त्यागी की उम्र के आसपास थी। ऐसे तीन शव बुलंदशहर और हरिद्वार में ट्रेस हुए थे, जिनके सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट के लिए भेजे गए थे। तीन माह से अधिक बीतने के बाद भी शवों की डीएनए रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। जबकि पुलिस दो बार रिमाइंडर भी भेज चुकी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट मंगाने के लिए फोरेंसिक लैब को एक बार फिर रिमाइंडर भेजा जाएगा। 

40 से अधिक शवों के फिंगर प्रिंट सेंपल भी आ चुके हैं वापस

बिल्डर अपहरणकांड में पुलिस की परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। बीते दिनों सिहानी गेट पुलिस ने मेरठ जोन व सीमावर्ती राज्यों में मिले 40 से अधिक लावारिश शवों के फिंगर प्रिंट नमूने फोरेंसिक लैब भेजे थे। बिल्डर की कार पर मिले निशानों से उनका मिलान कराना था। लेकिन लैब ने सभी सैंपल यह कहकर वापस भेज दिए कि फिंगर प्रिंट की फोटो कॉपी की बजाय असली फिंगर प्रिंट भेजें। 

यह था मामला 

सिहानी गेट थानाक्षेत्र के राजनगर एक्सटेंशन इलाके से बदमाशों ने बीती 26 जून को बिल्डर विक्रम त्यागी का उन्हीं की इनोवा क्रिस्टा गाड़ी में अपहरण कर लिया गया था। 27 जून को विक्रम त्यागी की गाड़ी मुजफ्फरनगर के तितावी थानाक्षेत्र में लावारिस हालत में मिली थी। गाड़ी की पिछली सीट खून से सनी हुई थी। लेकिन विक्रम त्यागी का पता नहीं चल सका। डीएनए जांच से पता चला था कि गाड़ी में मिला खून विक्रम त्यागी का ही है। भरसक प्रयास के बाद भी पुलिस आजतक न तो बदमाशों का और न ही विक्रम त्यागी का सुराग लगाने में कामयाब हो सकी है।
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