रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
        चिरंजीव विहार और अवंतिका कॉलोनी में हुई डकैती की सनसनीखेज दो वारदातों में शामिल बदमाश आफताब निवासी कृष्णानगर दिल्ली को कविनगर पुलिस ने तीन साथियों समेत गिरफ्तार किया है। आफताब डकैती की दोनों घटनाओं में वांछित चल रहा था। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस का कहना है कि अगर आफताब और उसके साथ ही नहीं पकड़े जाते तो वह जयपुर स्थित मुथूट फाइनेंस कंपनी में डाका डालने वाले थे। चारों आरोपियों को पकड़कर उनके पास से डकैती के दौरान लूटी गई ज्वैलरी, 6 हजार रुपए कैश और अवैध हथियार बरामद किए हैं 

सीओ द्वितीय अवनीश कुमार ने बताया कि आफताब के अलावा दनकौर गौतमबुद्धनगर निवासी राजू उर्फ अल्तमस, जयपुर राजस्थान निवासी मोहम्मद नईम उर्फ खलील और पलवल हरियाणा निवासी ताहिर को गिरफ्तार किया है। आफताब बीते जुलाई माह में चिरंजीव विहार निवासी भोपाल शर्मा और सितम्बर माह में अवंतिका निवासी कारोबारी सुरेश मित्तल के घर हुई डकैती की घटना में शामिल था। आफताब के कई साथियों को पकड़ कर पुलिस दोनों ही घटनाओं का खुलासा कर चुकी है, लेकिन घटना के बाद से आफताब फरार चल रहा था। फरारी के चलते गाजियाबाद पुलिस द्वारा आफताब पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। सीओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी विभिन्न राज्यों में इनके खिलाफ लूट, डकैती और हत्या जैसी संगीन धाराओं के मामले दर्ज हैं। रईस व गौतम ने रची थी भोपाल शर्मा के यहां डकैती की साजिश

आफताब ने बताया कि भोपाल शर्मा के घर डकैती की योजना पूर्व में जेल भेजे आरोपियों रईस और गौतम ने मिलकर बनाई थी। रईस के कहने पर आफताब ने जेल से छूटकर आए बांग्लादेशी गैंग के सरगना आलम से संपर्क साधा था। आलम ने ही अन्य साथियों को एकजुट कर वारदात की थी। आफताब ने बताया कि रईस पर 4 लाख रुपए का कर्ज था। पेशे से कार चालक गौतम भोपाल शर्मा के परिवार को जानता था। उन्हीं दोनों के कहने पर उक्त वारदात की गई थी। आफताब का कहना है कि वारदात के दौरान भोपाल शर्मा के घर सूचना के अनुसार कैश और ज्वैलरी नहीं मिली थी। डेढ़ घंटे घर खंगालने के दौरान जो माल मिला वह आपस में बांट लिया। 


सीओ के मुताबिक ताहिर हरियाणा से और मोहम्मद नईम उर्फ खलील राजस्थान जेल से पैरोल पर छूटे अपराधी हैं। दोनों लोगों ने ही आफताब के साथ मिलकर जयपुर स्थित मुथुट फाइनेंस कंपनी में डकैती की योजना बनाई थी। वारदात से पूर्व आरोपियों ने वहां जाकर कंपनी की पूरी रैकी भी कर ली थी। वह अगले चंद दिनों के भीतर मुथुट कंपनी में डाका डालने वाले थे, लेकिन इससे पूर्व ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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