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गाजियाबाद :- शहर की सुरक्षा और गश्त के लिए मिले पुलिस के अधिकांश दोपहिया वाहन लापता हो गए हैं। शहर व देहात में करीब 300 वाहन कागजों में दौड़ रहे हैं, हर माह पेट्रोल भी लगातार फुंक रहा है, लेकिन वाहन आखिरकार किस क्षेत्र में दौड़ रहे हैं, इसका पता नहीं लग पा रहा है। रात्रि गश्त के लिए नवागत एसपी सिटी ने वाहनों का ऑडिट शुरू किया तो इसका खुलासा हुआ। पुलिसकर्मियों की मनमानी पर अधिकारियों ने सख्त रूख अपनाते हुए ट्रैक न होने वाले वाहनों का पेट्रोल रोकने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जिन थानाक्षेत्रों के वाहन ट्रैक नहीं हो पाएंगे, उन थानों के एसएचओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी गई है।
जनपद में चार्ज संभालने के बाद एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने चेकिंग प्वाइंट निर्धारित करने का काम शुरू किया था। इसके तहत अनावश्यक चेकिंग प्वाइंट को रद्द करते हुए जरूरी स्थानों पर चेकिंग प्वाइंट बनाए गए। साथ ही, एक चेकिंग प्वाइंट से दूसरे चेकिंग प्वाइंट के बीच निरंतर गश्त की प्लानिंग तैयार की गई थी, लेकिन जैसे ही थानावार आवंटित दोपहिया वाहनों का ऑडिट किया तो उनमें से अधिकांश वाहन ट्रैक नहीं हो सके। वाहनों के आवंटन की जिम्मेदारी व पेट्रोल खर्च का जिम्मा रखने वाले लोगों से जवाब-तलब हुआ तो उनके पास भी कोई उत्तर नहीं मिला। इसके बाद अधिकारियों ने वाहनों को ट्रैक करने के निर्देश जारी किए। इसके बाद यह तस्दीक करना शुरू कर दिया गया कि लैपर्ड, चीता मोबाइल व अन्य वाहन कहां चल रहे हैं।
एसपी सिटी का कहना है कि सभी वाहनों के ऑडिट के बाद यह निर्धारण किया जाएगा कि कितने वाहन किस चौकी व थानाक्षेत्र में चलेंगे। अधिकारियों की मानें तो यह कवायद पुलिस विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस लाइन से जिन पुलिसकर्मियों को वाहन आवंटित किए गए, वह ट्रांसफर होने के बाद वाहनों को भी एक थाने से दूसरे थाने में ले गए। उदाहरण के तौर पर कविनगर थाने के किसी दरोगा को दोपहिया वाहन आवंटित किया गया। कुछ दिनों बाद उसका तबादला लोनी हो गया तो वह वाहन को भी अपने साथ लोनी ले गया, लेकिन कागजों में वाहन कविनगर थाने में ही चलता रहा। अधिकारियों ने ऑडिट किया तो कविनगर में उक्त वाहन ही नहीं मिला। पुलिसकर्मियों की इस मनमानी पर गुस्सा जाहिर करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए
ऑडिट में लापता मिले वाहनों को तलाशने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। वाहनों को एक कार्ड केजरिये पेट्रोल मिलता है। अधिकारियों ने ट्रैक न होने वाले वाहनों का पेट्रोल रोकने के आदेश दिए। इसके अलावा थानावार एसएचओ को वाहन ट्रैक करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी दी कि निर्धारित अवधि में वाहन ट्रैक न होने पर संबंधित थाने के एसएचओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी।