◼️12 बजे किसानों की परेड शुरू होनी थी, लेकिन किसान गणतंत्र दिवस की परेड से पहले जबरन दिल्ली में दाखिल हुए
◼️ITO पर ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई, लाल किले में घुसकर हजारों प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक झंडा लगाया
◼️हिंसा और तोड़फोड़ के चलते 20 मेट्रो स्टेशन 2 घंटे तक बंद कर दिए गए, कुछ इलाकों में इंटरनेट भी बंद किया गया
सिटी न्यूज़ | हिंदी......✍🏻
नई दिल्ली :- कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने 26 जनवरी को अपनी ट्रैक्टर परेड तय वक्त से पहले ही शुरू कर दी। पुलिस ने परेड के लिए मंगलवार दोपहर 12 से शाम 5 बजे का वक्त और रूट तय किया था। दिल्ली में दाखिल होने के लिए सिंघु, टीकरी और गाजीपुर एंट्री प्वाइंट बनाए गए थे। लेकिन, किसान सुबह 8.30 बजे ही इन एंट्री प्वाइंट्स पर बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली में जबरदस्ती घुस गए और अपनी परेड शुरू कर दी। किसानों ने शुरुआत से ही तय रूट को फॉलो नहीं किया।
हजारों प्रदर्शनकारी लाल किले में भी घुस गए। हल्लागुल्ला और हंगामे के बीच एक युवक दौड़ता हुआ आगे बढ़ा और उसने उस पोल पर चढ़ कर खालसा पंथ का झंडा लगा दिया, जहां हर साल 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। 90 मिनट बाद यहां से किसानों को हटाया जा सका।
दिनभर ITO, पांडव नगर, नांगलोई, मुबारका चौक, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर समेत कई इलाकों में हिंसक घटनाएं हुईं। इस दौरान एक किसान की मौत भी हो गई। गाड़ियों में तोड़फोड़ और हाथापाई के बाद कहीं पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े तो कहीं लाठीचार्ज किया। करीब 11 घंटे तक हिंसा और हंगामे के बाद शाम साढ़े सात बजे किसान संगठनों ने तुरंत परेड खत्म करने और प्रदर्शनकारियों से बॉर्डर प्वाइंट्स पर लौटने की अपील की।