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गाजियाबाद :- उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि जीएसटी लागू होने के तीन साल बाद भी इस कानून की विसंगतियों को सरकार दूर नहीं कर सकी है। इसकी वजह से व्यापारी वर्ग जहां दोहरी मार झेल रहा है वहीं करदाताओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अपनी बीस सूत्रीय मांगों को लेकर जहां एसोसिएशन ने एक दिन का कार्य बहिष्कार किया है वहीं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है।
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष अरविंद कुमार गुप्ता ने कहा कि जीएसटी में विसंगतियों को दूर करने के लिए बार की ओर से हजारों संशोधन के लिए सुझाव दिए जा चुके हैं लेकिन एक भी सरकार ने इसे नहीं माना है। उल्टे जो 1. संशोधन सरकार द्वारा किए गए हैं, वह भी सरकार के ही पक्ष में हुए हैं नाकि करदाताओं के पक्ष में हुए हैं। जीएसटी के नाम पर सिर्फ व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपील के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 109 के तहत अधिकरण का गठन किया जाना था
लेकिन तीन साल में वह भी नहीं हुआ, ऐसे में करदाताओं को हाईकोर्ट जाना पड़ता है लेकिन वहां भी प्रथम अपील में जाने की बात ही कही जाती है दूसरे, समस्या निराकरण के लिए समिति गठित की गई थी लेकिन आज तक उसकी एक भी बैठक नहीं हो सकी है । ऐसे में करदाता कहां जाकर अपनी समस्या रखें। एसोसिएशन के चेयरमैन पुष्पेंद्र भारद्वाज ने कहा कि अपनी मांगों के निस्तारण को लेकर एक दिन का कार्य बहिष्कार किया गया है तो वहीं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है जिसमें वार्षिक विवरणी सत्यापन का अधिकार, एक अप्रैल से ही सभी संशोधन लागू करने, दिल्ली सरकार की तर्ज पर अधिवक्ताओं की बीमा सुविधा, आईटीसी का लाभ आदि देने की मांग रखी गई है।
अगर इसके बाद भी मांगों का निस्तारण नहीं किया गया तो बार की ओर से व्यापारियों से टैक्स जमा न करने की अपील की जाएगी। इस दौरान प्रांतीय संयुक्त सचिव उदयवीर सिंह, महासचिव सौरभी सिंह गहलौत, सुनील सहलौत, जयवीर, अभिनव सक्सेना, प्रमोद पांचाल, राकेश दिवान, अंकुर गुप्ता व विश्वराज टैक्स अधिवक्ता मौजूद रहे