◼️डेढ़ सौ खरीददारों ने रविवार को मीडिया के सामने अपने साथ हुई करोडों की ठगी का दर्द बयां किया

 ◼️एसबीआई, पीएनबी, इलाहाबाद बैंक व बिल्डरों की मिली भगत का आरोप लगाया

अजय रावत / सिटी न्यूज़ | हिंदी......✍🏻


गाजियाबाद :- मेसर्स आईडिया बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड के मंजू जे ग्रुप द्वारा वर्ष 2012-13 में राजनगर एक्सटेंशन में लांच की रेड ऐप्पल रेसीडेंसी में फ्लैट्स बुक कराने वाले डेढ़ सौ खरीददारों ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने साथ हुई ठगी व धोखाधड़ी की दर्द भरी कहानियां मीडिया के सामने बयां की।

ठगी के शिकार फ्लैट्स खरीददारों की अगुवाई करने वाले अनिल सिंह ने आरोप लगाया कि रेड ऐप्पल के प्रोमोटर्स ने उनके तीन ब्लॉक ए, बी, सी में खरीदे करीब चार सौ फ्लैट्स खरीददारों से पांच सौ करोड़ रुपये से भी अधिक की धोखाधड़ी की है ।ये खरीद करोड़ों रुपए दे चुके हैं, लेकिन इन्हें न तो वादे की मुताबिक फ्लैट्स दिये और न ही रुपये वापस किये।इस प्रोजेक्ट पर विभिन्न करों के रुप गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के आठ करोड़ रुपये बकाया होने से प्रोजेक्ट सील किया जा चुका है, जिससे फ्लैट्स निर्माण अभी भी अपूर्ण हैं। खरीददारों को फ्लैट्स मिलने की उम्मीद तो टूट ही गयी है, प्रत्येक खरीददार के पांच लाख से लेकर 3.5 करोड़ रुपये तक डूब गए हैं। उन्होंने इनके खिलाफ रासुका, गुंडा अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की है।

इतना ही नहीं इस बिल्डर ग्रुप ने 14  मंजिल तक के फ्लैट्स बुक करके खरीददारों को ठगा। क्योंकि जीडीए में आरटीई के माध्यम से मालूम हुआ कि रेड एप्पल रेसीडेंसी के ए और बी ब्लॉक के निर्माण 11 मंजिल तथा सी ब्लॉक के लिये 6 मंजिल ही स्वीकृत हैं, लेकिन सांठगांठ से कई मंजिल ज्यादा बनाकर फ्लैट को  बेचा गया। इससे भी दो कदम आगे डेढ़ सौ फ्लैट्स  की स्कैनिंग में पता चला है कि धोखाधड़ी करके 18 से अधिक फ्लैट्स को दो- दो और कुछ को तीन तीन लोगों को बेचा गया। जिन लोंगो ने फ्लैट्स की राशि नकद दी थी, वे ही इस तरह की ठगी के ज्यादा शिकार हुए हैं।

इस प्रोजेक्ट से जुड़े बिल्डर्स ने एसबीआई, पीएनबी, इलाहाबाद बैंक से मिलीभगत करके अपना घर खरीदने के सपने देखने वाले चार सौ लोगों को सड़क पर ला खड़ा कर दिया है।ठगी के शिकार हुए लोगों में कई दिल्ली पुलिस के अधिकारी, वायुसेना अधिकारी, दूसरे सरकारी विभागों के बड़े अफसर, व्यवसायी, प्राइवेट सेक्टर ने काम करने वाले भी शामिल हैं।

 बिल्डर्स ने ही इन खरीदरों की अपनी मिलीभगत वाले बैंकों से फ्लैट की राशि का 80 फीसदी ऋण बिना आवश्यक दस्तावेज के करा दिया था। बिल्डर्स ने बिना ख़रीददार के हस्ताक्षर अथवा अनुमति के स्वीकृत ऋण से ज्यादा राशि अपने खाते में ट्रांसफर करा ली थीं। अधिकांश खरीददार फ्लैट शीघ्र मिलने के आश्वासन पर नियमित किश्त भरते रहे लेकिन जब उन्हें अपने साथ हुई ठगी का पता चला तो उन्होंने बैकों के साथ ही बिल्डर के खिलाफ भी मामले दर्ज कराए, मगर बिल्डर्स व बैंक अधिकारियों के खिलाफ तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की, इसके विपरीत खरीददारों को किश्त अदा न होने व कुछ को चेक बाउन्स होने पर कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कुछ के खिलाफ रिकवरी नोटिस तक जारी हो चुके हैं।

पीड़ित खरीददारों ने मांग की कि हाल ही में इस प्रोजेक्ट के पांच निदेशकों के खिलाफ कोतवाली  सिहानी गेट रिपोर्ट दर्ज करायी गयीं है, मगर आरोपित बिल्डर्स की राजनीतिक पहुंच के चलते पुलिस नामजद प्रोमोटर्स को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।

प्रेस वार्ता में  दिल्ली पुलिस के आला अफसर जगतपाल सिंह, चंडीगढ़ निवासी लद्दाख़ में तैनात वायुसेना अधिकारी सुदेश पाल, एक सरकारी विभाग के बड़े अधिकारी डी. पी. सिंह, व्यवसायी धनेश सिंघल, योगेश अग्रवाल, देवेश पाठक , बाबू खान, अखिलेश त्यागी आदि ने पत्रकारों के समक्ष अपनी -अपनी पीड़ा बताई। इन सभी ने एक स्वर में रेड एप्पल के इन निदेशकों व बैंकों द्वारा किये गये घोटाले की सीबीआई जांच कराने, रासुका लगाने व गुंडा अधिनियम के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
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