विक्रम त्यागी


सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻


गाजियाबाद :- 26 जून 2020 को अगवा हुए बिल्डर विक्रम त्यागी का सुराग लगाने में नाकाम पुलिस ने केस में एफआर (अंतिम रिपोर्ट) लगा दी है। एफआर में हवाला दिया है कि तमाम कोशिशों के बावजूद विक्रम त्यागी का कोई सुराग नहीं लग सका है। बता दें कि हाईकोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस को छह माह के भीतर निष्कर्ष निकालने का आदेश दिया था। बताया जा रहा है कि अदालत के इसी आदेश के चलते पुलिस ने स्थानीय कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है। हालांकि, अधिकारियों के निर्देेश पर सिहानी गेट थाना पुलिस ने नए तथ्य बताते हुए मामले की फिर से जांच शुरू कर दी है।

बिल्डर विक्रम त्यागी का पता लगाने के लिए पुलिस ने जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम लुटेरे गैंग्स की कुंडली खंगाली, वहीं मेरठ जोन में मिले लावारिस शवों का भी डाटा एकत्र किया था। विक्रम त्यागी की कद-काठी और उम्र से मेल खाते लावारिस शवों के फिंगर प्रिंट से विक्रम त्यागी की कार पर मिले निशानों का मिलान कराने की कोशिश की। पुलिस ने मेरठ जोन के जिलों में मिले 100 से ज्यादा शवों और विक्रम त्यागी की कार से उठाए गए करीब 30 फिंगर प्रिंट्स लखनऊ फॉरेंसिक लैब भेजे थे, लेकिन किसी भी शव का फिंगर प्रिंट गाड़ी पर मिले निशानों से मेल नहीं खा सका। लैब से रिपोर्ट आने के बाद पुलिस को मायूसी हाथ लगी थी। इसके बाद पुलिस ने मेरठ जोन से बाहर निकल कर मथुरा तक मिले लावारिस शवों का डाटा खोजना शुरू कर दिया।

घटना के ढाई महीने बाद हाईकोर्ट पहुंचे थे विक्रम के परिजन

अपहरण के ढाई माह बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची तो विक्रम त्यागी के परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, गाजियाबाद एसएसपी व केस के विवेचक को छह माह के अंदर मामले का निस्तारण करने के आदेश दिए थे। साथ ही एसएसपी को मामले की खुद मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए थे। आदेश के साढे़ पांच माह बाद पुलिस ने विक्रम त्यागी अपहरण कांड में फाइनल रिपोर्ट लगा दी और अगले ही दिन उसे स्थानीय कोर्ट में दाखिल कर दिया।

नए तथ्यों के आधार पर फिर से शुरू की जांच
पुलिस के हाथ बिल्डर का कोई सुराग लगता या कोई आरोपी प्रकाश में आता तो पुलिस इस मामले में आरोप-पत्र दाखिल करती। लेकिन ऐसा कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया। वहीं, हाईकोर्ट ने एक समय-सीमा निर्धारित कर दी थी, जिसके चलते पुलिस ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी। हालांकि, पुलिस ने अधिकारियों के निर्देश पर सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत नए तथ्यों का हवाला देते हुए मामले की फिर से जांच शुरू कर दी है।

यह था मामला...
सिहानी गेट थानाक्षेत्र के राजनगर एक्सटेंशन इलाके से 26 जून 2020 को बिल्डर विक्रम त्यागी का उन्हीं की इनोवा क्रिस्टा गाड़ी में अपहरण कर लिया गया था। 27 जून को उनकी गाड़ी मुजफ्फरनगर के तितावी थाना क्षेत्र में लावारिस हालत में मिली थी। गाड़ी की पिछली सीट खून से सनी हुई थी, लेकिन विक्रम त्यागी का पता नहीं चल सका। डीएनए जांच से पता चला था कि गाड़ी में मिला खून विक्रम त्यागी का ही है। तमाम कोशिशें के बाद भी पुलिस आज तक न तो बदमाशों का और न ही विक्रम त्यागी का सुराग लगा सकी है।
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