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गाज़ियाबाद :- मुरादनगर श्मशान घाट हादसे के मृतकों के परिजनों को प्रशासन ने किसी भी तरह की सरकारी नौकरी देने से साफ इनकार कर दिया है। जिला रोजगार सहायता अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जिला सेवायोजन कार्यालय को किसी भी पद पर सरकारी नौकरी देने का अधिकार नहीं है। इस पत्र के बाद पीड़ित परिवारों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि पुलिस और प्रशासन ने उनके साथ धोखा किया है। 4 जनवरी को आईजी मेरठ मंडल ने नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया था। जिस पर प्रशासन की ओर से एडीएम के भी हस्ताक्षर हैं।

3 जनवरी को मुरादगनर श्मशान घाट में गलियारे की छत गिरने से अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचे 24 लोगों की मौत हो गई थी। 4 जनवरी को मृतकों के परिजनों ने 20 लाख रुपये, मकान और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर मेरठ गाजियाबाद हाईवे पर शव रखकर जाम लगा दिया था। कई घंटे तक हाईवे जाम रहा। घटना स्थल पर पहुंची तत्कालीन मंडलायुक्त अनीता मेश्राम और आईजी प्रवीण कुमार ने मृतकों के परिजनों को आश्वासन दिया था कि उम्मीद से ज्यादा आपको देंगे। जाम खोल दो। मृतकों के परिजन मांगों को लेकर अड़े रहे। बढ़ते विरोध को देखते हुए आईजी ने लिखित में मृतकों के परिजनों को एक पत्र सौंपा। उसमें छह मांगें पूरी करने के लिए प्रतिबद्ता जताई। पत्र में उन्होंने लिखा कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये, सभी घायलों को इलाज एवं क्षतिपूर्ति, प्रत्येक मृतक के नाबालिग बच्चों के निशुल्क अध्ययन की व्यवस्था, प्रत्येक मृतक परिवार के बालिग सदस्य को योग्यतानुसार नौकरी, प्रकरण में दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई और अवैध तरीकेसे अर्जित की गई संपत्ति की कुर्की की जाएगी। दुर्घटना में दिव्यांग हुए व्यक्तियों को भी योग्यतानुसार नौकरी देने का लिखित वादा किया गया। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि लिखित आश्वासन के बाद हम लोगों को सरकारी और सरकारी सिस्टम पर पूरा भरोसा था कि वह कुछ भी गलत नहीं होने देंगे।

पत्र मिलते ही खिसकी जमीन
श्मशान घाट हादसे में संगम विहार निवासी ओमकार सिंह की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी ममता ने बताया कि शुक्रवार को उनके घर पर जिला सेवायोजन कार्यालय से जिला रोजगार सहायता अधिकारी संतोष कुमार सिंह का एक पत्र पहुंचा। पत्र को पढ़ते ही उनकी पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। पत्र में उनके द्वारा लिखा है कि जिला सेवायोजन कार्यालय गाजियाबाद को किसी भी सरकारी पद पर नियुक्ति प्रदान करने का अधिकार नहीं हैं। सेवायोजन विभाग द्वारा निजी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए समय-समय पर रोजगार मेले का आयोजन किया जाता है। आगे लिखा है कि निजी क्षेत्र में सेवायोजित होने के इच्छुक हो तो रोजगार मेले में प्रतिभाग कर सकती हैं।

हादसे ने उजाड़ दी पूरी जिंदगी
मृतक ओमकार की पत्नी ममता ने कहा कि भ्रष्टाचार की गोद में हुए हादसे ने हमारे जिंदगी ही उजाड़ दी। हमारी और बच्चों की गलती क्या थी? जो सजा हमें दी जा रही है। सरकारी नौकरी के माध्यम से बच्चे पल जाते और जीवन यापन अच्छे से हो जाता। अब कोई सहारा भी हमारे पास नहीं है। बच्चों के आगे पढ़ाई का संकट
श्मशान घाट हादसे में मृतक सुनील कुमार की पत्नी पुष्पलता ने बताया कि शुक्रवार की शाम को उनके घर कई लोग आए। वह घर से बाहर थीं। वह बच्चों को ही पत्र देकर चले गए। साथ ही कहा कि अभी कई और पत्र भी आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी काफी मदद की है, लेकिन हमको जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। सरकार ने उसे ही देने से इनकार कर दिया है। मेरे चार बच्चे हैं। इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई का तो सरकार ने आश्वासन दिया है। उसके बाद की पढ़ाई कैसे कराई जाएगी। जबकि सबसे ज्यादा पैसा उसी में खर्च होता है।

मामले को मजबूती से उठाऊंगा। जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री से मिलूंगा और पीड़ित परिवार को पूरी तरह से न्याय दिलाने का प्रयास जारी रहेगा।
अजीत पाल त्यागी, विधायक मुरादनगर
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