सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻


गाज़ियाबाद :- बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच इंतजाम कम पड़ने लगे हैं। जांच से लेकर रिपोर्ट और अस्पताल में भर्ती होने तक लंबी वेटिंग है। हाल यह है कि कोरोना की जांच के लिए सैंपल देने के लिए ढाई से तीन घंटे लाइन में लगना पड़ रहा है। आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लग रहा है। संदिग्ध मरीजों की रैपिड एंटीजन किट से जांच की जा रही है। कोरोना की पुष्टि होने पर अस्पताल में भर्ती करना आसान नहीं है। शहर के कई बड़े निजी अस्पतालों में बेड खाली नहीं है।

संक्रमण के बीच जांच की रफ्तार धीमी होने से लोगों को समय पर इलाज मिल पाने में दिक्कत हो रही है। जांच में देरी के कारण संक्रमण कहीं अधिक तेजी से फैलने का खतरा बना हुआ है। क्योंकि बड़ी संख्या में आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लेकर मरीजों होम आइसोलेशन में भेजे दिया जाता है। लंबे समय तक रिपोर्ट न आने के कारण मरीज घर में लापरवाही करता है, जिससे संक्रमण बाकी लोगों में भी फैलने का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि एक दिन में 1700 आरटीपीसीआर जांच के सापेक्ष 1925 और 4127 एंटीजन जांच की जा रही है। जबकि जांच केंद्रों पर दोपहर 2 बजे के बाद जांच नहीं हो रही है।

पूरी आबादी की जांच करने में लगेंगे कई साल
फैल रहे संक्रमण के बीच अब बड़ी आबादी की जांच करने की आवश्यकता है, लेकिन मौजूदा समय में जांच की गति बेहद धीमी है। अगर इसी गति से जांच की जाती है तो पूरी आबादी की जांच करने में करीब 5 साल का समय लगेगा। वर्तमान में जिले की आबादी करीब 45 लाख है और स्वास्थ्य विभाग 13 महीनों में 9.44 लाख सैंपलों की जांच कर पाया है। आंकड़ों से साफ है कि संक्रमण के सापेक्ष पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है।


- अभी स्वास्थ्य विभाग के पास पूरी व्यवस्था है। हम लक्ष्य से अधिक जांच कर रहे हैं। इसी का कारण है कि संक्रमित होने वाले लोगों की दर तेजी से बढ़ रही है। बाकी आवश्यकता पड़ने पर जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा लेकिन अभी ऐसे हालात नहीं हैं। 
- डॉ. एनके गुप्ता, सीएमओ


- आवश्यकता के हिसाब से पूरी जांच की जा रही हैं। अगर जरूरत पड़ती है तो जांच का दायरा भी बढ़ाया जाएगा लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी क्षमता से जांच कर रहा है। ज्यादा संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए रैपिड एंटीजन किट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
 - अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी
Previous Post Next Post