◼️नगर निगम के सभी जोनल श्मशान घाटों पर भी हिंडन मोक्ष धाम जैसी सुविधाएं बहाल की जाए
सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻
गाजियाबाद :- मशीनरी मर्चेंट एसोसिएशन, गाजियाबाद के अध्यक्ष और पूर्व पार्षद गाजियाबाद नगर निगम के पूर्व पार्षद सुनील गुप्ता ने जिला प्रशासन गाजियाबाद और
नगर निगम गाजियाबाद को पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट करवाया है कि कोविड-19 कोरोना वायरस प्रकोप के संकटकाल में गाजियाबाद नगर निगम के द्वारा सभी जोन में शुरू कराए गए श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार एवं लकड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
पूर्व निगम पार्षद श्री गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि आज सारा विश्व कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित है। इस बीमारी से हमारा भारत देश भी अछूता नहीं बचा है। देश की बढ़ती हुई आबादी के साथ-साथ उपचार के अभाव में आज मृतकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। जिस कारण गाजियाबाद नगर निगम के महापौर आशा शर्मा व नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के अथक प्रयासों से मृतकों के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि क्रिया यानी अंतिम संस्कार की सेवा सुविधा के लिए प्रत्येक जोन में बने हुए श्मशान घाट (मोक्ष स्थली) को तो खोल दिया गया है जिससे शोकाकुल परिवार को अपने नजदीकी मोक्ष धाम पर दाह संस्कार की अंतिम सेवा मिल पा रही है। लेकिन चिंता की बात यह है कि ऐसे समय में भी मृतक के परिजनों को शव के दाह संस्कार में लकड़ी की उपलब्धता एवं अंतिम संस्कार के लिए पुरोहित आदि की व्यवस्था में काफी परेशानी हो रही है।
लिहाजा, अंतिम मोक्ष सेवा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम गाजियाबाद एवं जिला प्रशासन अधिकारियों से आग्रह है कि पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए लकड़ी आपूर्ति की निविदा के द्वारा लकड़ी स्टाल आवंटित किया जाये। उन्होंने बताया कि सभी जोन में बने हुए श्मशान घाट पर लकड़ी स्टाल व्यवस्थित प्रकार से जनता के हितों का ध्यान रखते हुए चालू कराई जाए, जिससे पूर्व की भांति मोक्ष धाम पर हुए लकड़ी चंदा घोटाले का सामना गाजियाबाद की जनता को कोरोना संकटकाल में ना करना पड़े। साथ ही, कोई अन्य धर्म का व्यक्ति या अपराधिक छवि का व्यक्ति अनाधिकृत रूप से यहां लकड़ी विक्रय का कारोबार ना कर सके।
उन्होंने आग्रह किया है कि जिस प्रकार हिंडन नदी मोक्ष धाम श्मशान घाट पर लकड़ी का विक्रय उचित कंट्रोल रेट पर नगर निगम द्वारा श्मशान प्रबंधन से कराया जा रहा है और अज्ञात लावारिस शवों के दाह संस्कार के लिये निःशुल्क लकड़ी की सेवा मिल रही है, वैसी ही व्यवस्था अन्य जगहों पर भी कराई जाए। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब मृतक के परिजनों को जिनके पास पर्याप्त राशि नहीं होती है, उनके लिए भी ने सरकार प्रदत्त अनुदानित राशि की व्यवस्था उनके दाह संस्कार के समय करवाई जाए। उन्होंने लिखा है कि पूरा दिन एवं रात्रि के समय परिवारिक जनों के जाने के पश्चात सभी शवों की देखभाल व्यवस्थित प्रकार होती रहे, इसके लिए रात्रि के समय सुरक्षा के दृष्टिकोण से कर्मचारी भी मौजूद रहने की व्यवस्था करवाई जाए।
उन्होंने मांग की है कि इन सभी व्यवस्थित व्यवस्थाओं को लागू करने की धमार्थ कार्य में कृपा करें। क्योंकि आज कोरोना संकट काल के साथ-साथ बढ़ती हुई आबादी का ध्यान रखते हुए अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित प्रकार से बनाए रखना बहुत जरूरी है ।