रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि वह कोविड-19 महामारी की पिछली लहर की तरह इस बार गृह-पृथकवास वाले संक्रमित लोगों को दवा और भोजन क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है। अदालत ने सरकार से यह भी पूछा है कि वह पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी की अवधि के बाद ठहरने के लिए स्थान क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है? 

इसके बावजूद कि उनके संक्रमित होने का खतरा और उनसे उनके परिजनों के संक्रमित होने का डर सबसे ज्यादा है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की पीठ ने स्थानीय वकील एच. पी. गुप्ता द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। अदालत ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए कोविड के टीके कम पड़ जाने पर शासकीय अधिवक्ता को इस सिलसिले में निर्देश प्राप्त करने को भी कहा।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता एच पी श्रीवास्तव को इस मुद्दे पर विस्तृत निर्देश प्राप्त करने के आदेश दिए।
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