रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा हाथी की सवारी छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए हैं। 15 साल पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले अमरपाल कभी बसपा तो कभी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। अब 2022 के विधान सभा चुनाव से पहले सपा में शामिल होने से साफ संकेत हैं कि वो पार्टी की तरफ से साहिबाबाद क्षेत्र से प्रत्याशी हो सकते हैं। साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी से जुड़े कुछ दूसरे नेता भी अब बसपा छोड़ सपा का दामन थाम सकते हैं। वहीं, बसपा के सामने अपना कुनबा बचाने की चुनौती है।

लोनी के जावली गांव निवासी अमरपाल शर्मा 2007 में बसपा से बगावत करके निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े। लेकिन इस चुनाव में वह सुनील शर्मा से हार गए। इसके बाद से लगातार साहिबाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2007 में चुनाव हारने के बाद नाराजगी दूर कर फिर से बसपा में शामिल हो गए और 2009 में बसपा के टिकट पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के सामने लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन उसमें भी हार का सामना करना पड़ा। 2012 के विधान सभा चुनाव में बसपा के टिकट पर साहिबाबाद सीट पर चुनाव लड़े। इस बार उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार सुनील शर्मा को करीब 24 हजार मतों से हराया। 2017 आते-आते इनकी बसपा नेतृत्व से नजदीकी नाराजगी और खटास में बदलती चली गई। फिर बसपा ने अमरपाल का टिकट काटकर जलालुद्दीन को टिकट दे दिया। इससे नाराज अमरपाल बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और 2017 में सपा-कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े। इस चुनाव में भाजपा के सुनील शर्मा 2.62 लाख वोट लेकर विजयी रहे। अमर पाल शर्मा को 1.12 लाख वोट मिले।

भाजपा नेता की हत्या में भी फंसे पूर्व विधायक
राजनीतिक के साथ पूर्व विधायक पर हत्या का भी आरोप लगा। 2017 के निकाय चुनाव से पहले भाजपा नेता गजेंद्र भाटी की हत्या के आरोप उन्हें जेल जाना पड़ा। चुनाव से पहले खोड़ा से जुड़े इस हत्याकांड में अमरपाल शर्मा पर रासुका भी लगाई गई, जिस कारण लंबे समय तक जेल में भी रहना पड़ा।

राजनीतिक जीवन
- 2007 में बसपा से राजनीति की शुरूआत की
- 2007 में चुनाव से पहले बसपा छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ा
- 2009 में लोकसभा चुनाव से पहले बसपा में पहुंचे और लोकसभा चुनाव लड़ा
- 2012 में बसपा के टिकट पर साहिबाबाद से चुनाव 
लड़कर विधायक बने
- 2017 से पहले टिकट काटे जाने पर बसपा छोड़ कांग्रेस में गए और साहिबाबाद से चुनाव लड़े
- 2019 कांग्रेस को छोड़कर बसपा में शामिल हुए और अब कांग्रेस छोड़कर सपा में पहुंचे
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