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गाजियाबाद :- इसे महज इत्तफाक कहें या फिर कोरोना महामारी का असर। कोरोना संक्रमण की अवधि में शिशु जन्म दर में गिरावट आई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि बीते दो सालों में जिले में जन्म दर में 9.86 प्रतिशत की कमी आई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी 4.76 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। इस गिरावट को लेकर स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि निचले तबके का पलायन और मध्य व अपर वर्ग के लोगों का स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना विशेष कारण है और अभी हाल फिलहाल में यह स्थिति बने रहने की संभावना है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि बीते वर्ष मार्च में कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद मजदूरों का पलायन हुआ। इसमें इंडस्ट्री, रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर अन्य निर्माण इकाइयों पर काम करने वाले श्रमिक अपने घरों को लौट गए। मोटा अनुमान है कि सात से आठ लाख लोगों का पलायन भी हुआ। इनमें काफी ऐसे परिवार भी थे जिनमें गर्भवती महिलाएं थी, लेकिन उनका प्रसव पलायन के बाद अपने मूल जिले (पते) होने से यहां पर दर्ज नहीं हुआ। पलायन करने वालों में भी ढाई से तीन हजार गर्भवती महिलाएं थी। 

वहीं, कोरोना फैलने पर सामान्य मरीजों को अस्पतालों व क्लीनिक में इलाज मिलना मुश्किल हो रहा था। ऐसी स्थिति में समाज का पढ़ा लिखा तबके का एक हिस्सा महामारी के दौर में इलाज का संकट मानकर परिवार नियोजन के तरीके अपनाता रहा, जिसे एक वजह के तौर पर गिना जा रहा है। आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं, जिनसे पता चलता है कि हर साल जन्म दर में बढ़ोत्तरी हो रही थी। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 72500 से अधिक बच्चों ने जन्म लिया है। जबकि वर्ष 2018-19 में 78879 बच्चों ने जन्म लिया। इसके बाद 2019 में भी 83518 ने जन्म लिया। इस तरह हर वर्ष चार से छह हजार बच्चों का आंकड़ा बढ़ जा रहा था।

कुछ इस तरह से आई शिशु जन्म दर में गिरावट
वर्ष बालक बालिका कुल गिरावट प्रतिशत में
2019 43343 40175 83518 ----
2020 40532 38511 79043 5.36
2021 38791 36491 75282 4.76
नोट: आंकड़े वित्तीय वर्ष के हैं और गिरावट साल दर साल के हिसाब से।
चालू वित्तीय के दो महीनों में जन्मदर
अप्रैल 4626
मई 3700
स्वास्थ्य विभाग की नजर में दो प्रमुख कारण
- कोरोना के बीच बड़ी संख्या में लोगों का पलायन होना। इससे गर्भवती महिला भी अपने घरों को लौट गईं।
- महामारी के बीच मध्य व उच्च वर्ग के लोगों का परिवार नियोजन के प्रति जागरूक होना। उन्होंने ऐसे दौर में स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता दी।

जन्म दर में गिरावट के पीछे हमने दो प्रमुख कारण पाए हैं। एक कोरोना संक्रमण में बड़ी संख्या में इंडस्ट्री व निर्माण से जुड़े मजदूरों का पलायन हुआ, जिसमें गर्भवती महिलाएं भी अपने मूल घर लौट गईं। दूसरे महामारी में अधिकांश अस्पताल कोविड के इलाज के लिए घोषित हो चुके थे। इस अवधि में परिवार नियोजन के उपायों का इस्तेमाल बढ़ा।
- डॉ. विश्राम सिंह, एनएचएम प्रभारी एवं एसीएमओ
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