रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान


हरिद्वार :- हरिद्वार में लगातार बढ़ रहे अपराधों के ग्राफ ने कानून व्यवस्था को एक बार फिर सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में लगातार बड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं। एक तरफ प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार हरिद्वार को अपराध मुक्त बनाने का दावा कर चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ हरिद्वार में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गया है। गौरतलब है कि हरिद्वार में अपराधी मस्त और पुलिस पस्त दिखाई पड़ रही है। तभी तो अपराधी बैखोफ होकर अपराध पर अपराध कर खुलेआम घूमकर पुलिस को ठेंगा दिखा रहे रहें। 

इसी कड़ी में गत दिवस पूर्व हरिद्वार के रुड़की शहर में एक अधिवक्ता की घर के बाहर बदमाशों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गयी। घटना उस समय हुई, जब वह स्कूटी से घर लौट रहे थे। हालांकि पुलिस तीन दिन बीत जाने के बाद भी बदमाशों की तलाश करने का दम भर रही है। जिससे अभी तक बदमाशों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। उधर बीते दिन दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर में अपने बच्चों की फीस जमा कराने जा रही महिला को सुबह बाइक सवार तीन बदमाशों ने रोककर उनका मोबाइल लूट लिया। वहीं भेलकर्मी की पत्नी के खाते से 20 लाख रूपये निकालने का मामला भी सामने आया है। इसी तरह हरिद्वार के रेलवे रोड स्थित पुरूषार्थी मार्केट में दिन दहाड़े चोरी की घटना को बड़ी ही आसानी से बदमाशों ने अंजाम दिया। इसी कड़ी में पिछले कुछ दिनों में हरिद्वार शहर में दर्जनों बाइक चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं और नगर पुलिस सिवाए लकीर पीटने के कुछ नहीं कर पा रही है। 

हरिद्वार शहर में लूट, चोरी सहित अन्य आपराधिक घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के चलते पुलिस प्रशासन की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। पुलिस के खुफिया तंत्र की नाकामियों के चलते ही आज युवाओं ने जरायम की दुनिया में कदम बढ़ाया है। अभी तक पुलिस ने लूट, चोरी और अन्य आपराधिक वारदातों में लिप्त ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है। जिनसे पूछताछ में आर्थिक तंगी भी सामने आई है। माना जा रहा है कि कोरोना काल में बढ़ी बेरोजगारी भी इसका मुख्य कारण हो सकता है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक युवा अपराध की तरफ कदम बढ़ा चुका है। इन्हें रोका जाना जरूरी है। कोरोना संक्रमण काल में बेरोजगारी किसी से छुपी नहीं है। बड़ी संख्या में युवाओं के रोजगार छूट गए। इसके चलते उन्होंने अपराध का रुख किया। इसके चलते पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक युवाओं को लूट, चोरी और वाहन चोरी में लिप्त पाया है। इन सबकी उम्र 18 से 25 साल के करीब है। युवकों ने अपराध करने का मुख्य कारण बेरोजगारी बताया है। युवा आजकल नशा व महंगे शौक की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे युवाओं की काउंसिलिंग होनी चाहिए। 

वहीं, दूसरी ओर नगर क्षेत्र में अवैध शराब सहित जिस्मफिरोशी का धंधा भी खूब फल फूल रहा है। पुलिस को ऐसे अवैध कारोबार की बखूबी जानकारी होने के बावजूद भी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। बता दें कि हरिद्वार जिले के दागी कांग्रेस मानसिकता के पुलिस अधिकारी आज भी जनपद में मलाईदार कुर्सी पर बैठे हुए हैं और जिले के आला अफसर चाह कर भी ऐसे अपराधों पर नकेल कसने में शुरू से नाकाम रहे अधीनस्त अधिकारियों के ट्रांसफर तक नहीं कर पा रहे हैं, जिसका खामियाजा हरिद्वार की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है  सठव्ही भाजपा सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास भी किया जा रहा है, ऐसी चर्चाएं गली मोहल्लों से लेकर सड़कों तक आम है। सिर्फ AC कमरों बैठकर ऐसे निकम्मे व भ्रष्ट अधिकारी    राज्य की भाजपा सरकार पर भी बोझ बन हुए हैं।
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