रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- पूर्व एमएलसी प्रशांत चौधरी और जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल के बीच मारपीट के मामले से भाजपा प्रदेश नेतृत्व नाराज बताया जा रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने स्वयं बैठक में मौजूद कुछ वरिष्ठ नेताओं को फोन कर मामले की जानकारी ली। पार्टी नेतृत्व ने यह सवाल खड़ा किया कि जब बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मौैजूद थे तो ऐसी नौबत क्यों आई? उन्होंने समय पर बीच-बचाव क्यों नहीं किया? अगर 2 सदस्य बहस कर रहे थे तो उसी वक्त उन्हें वरिष्ठ नेता रोक सकते थे। तमाम सवाल पार्टी आलाकमान की तरफ से पूछे जाने की चर्चा है, जिसके चलता आशंका व्यक्त की जा रही है कि पार्टी आलाकमान बड़ा निर्णय ले सकता है।
पार्टी नेतृत्व ने घटना के वक्त बैठक में मौजूद महानगर के जिला प्रभारी महेंद्र धनौरिया से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग और पूर्व मेयर अशु वर्मा से भी जानकारी ली गई है। पार्टी खेमे में आशंका जताई जा रही है कि प्रदेश नेतृत्व पवन गोयल और प्रशांत चौधरी के साथ ही महानगर इकाई के कुछ पदाधिकारियों पर भी पर कार्रवाई कर सकता है। प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि पूरे घटनाक्रम से पार्टी की छवि को भी धक्का लगा है और विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया है।

रालोद ने की थी कड़ी कार्रवाई
सात जुलाई को राष्ट्रीय लोकदल की प्रेस कांफ्रेंस में गन्ना समिति के चेयरमैन अमरजीत सिंह बिड्डी और पूर्व महानगर अध्यक्ष रविंद्र चौहान बहस हुई, जिसमें जान से मारने तक की धमकी दी गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने जिला व महानगर अध्यक्ष को छोड़कर उस दौरान मौजूद सभी पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अब भाजपा का मामला उससे कहीं बड़ा है। ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि भाजपा क्या एक्शन लेगी।

पवन के समर्थन में आए पदाधिकारी
कई पदाधिकारी पवन गोयल के समर्थन में आ गए हैं और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने पूरे मामले में सफाई मांग रहा है। गायत्री अस्पताल में चल रहे धरने में पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद डॉ. अनिल अग्रवाल, बलदेव राज शर्मा, महापौर आशा शर्मा, विधायक सुनील शर्मा व विधायक अजीत पाल त्यागी सहित अन्य सदस्य भी पहुंचे। हालांकि जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वे अस्पताल में पवन गोयल का हालचाल लेने के लिए गए थे।

गोयल के समर्थन में उतरे वैश्य समाज के लोग
वैश्य समाज के बैनर तल चल रहे धरने में पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता ही प्रशांत चौधरी के पार्टी से निष्कासन और एफआईआर की मांग कर रहे हैं। इसमें पूर्व महामंत्री राजीव अग्रवाल, किसान मोर्चा क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी सौरभ जायसवाल, नामित पार्षद अर्चना सिंह, वर्तमान में महामंत्री सुशील सिंह भी धरने में शामिल रहे। इसके अतिरिक्त पूर्व महानगर अध्यक्ष के नजदीकी माने जा रहे शहर के मंडल अध्यक्ष कामेश्वर त्यागी, नवनीत गुप्ता और नामित पार्षद राजेश शर्मा भी धरना स्थल पर पहुंचे। इससे पता चलता है कि पार्टी की महानगर इकाई में भी सब कुछ सामान्य नहीं है। बताया जा रहा है कि बड़ा वर्ग महानगर इकाई के कामकाज से खुश नहीं है।
Previous Post Next Post