रिपोर्ट :- नासिर खान
लखनऊ :- प्रेमी से शादी करने के लिए एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या मामले में फांसी की सजा पा चुकी शबनम केस में फिर एक नया मोड़ आ गया है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मामले की रिपोर्ट कारागार विभाग के सचिव को सौंप दिया है। आशंका जताई जा रही है कि की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल सकती है। फिलहाल इस मामले में पटेल के मुख्य सचिव ने बताया कि नियमों के मुताबिक उचित निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि अमरोहा प्रेमी से शादी के लिए शबनम नाम की युवती ने बावन खेड़ी में अप्रैल 2008 में माता-पिता, दो भाइयों और भाभी समेत परिवार के सात सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस मामले में शबनम का प्रेमी सलीम नैनी सेंट्रल जेल में बंद है जबकि शबनम बरेली जेल में बंद है। दोनो आरोपी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है।
गौरतलब है कि शबनम के इकलौते बेटे 13 साल के ताज उर्फ बिट्टू का हवाला देकर भी सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गई है। अर्जी में कहा गया है कि शबनम को फांसी दिए जाने से उसके बेटे के भविष्य पर गलत असर पड़ेगा। इस दुनिया में बच्चे का कोई अपना नहीं है। बच्चे को जीवन भर ताना सुनना पड़ेगा। फांसी की वजह से सामाजिक परिस्थितियों के चलते बच्चे के मानसिक विकास और भविष्य पर खराब असर पड़ सकता है। राज्यपाल को दी गई अर्जी में यह भी कहा गया कि मां के अपराध की सजा बच्चे को दिया जाना कत्तई न्याय संगत नहीं होगा। फिलहाल जेल सचिव को राज्यपाल के आदेश की कापी जेल सचिव को भेज दी गई है।