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गाजियाबाद :- सामूहिक दुष्कर्म के मामले में फरार लोनी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन मनोज धामा समेत 6 आरोपियों के घरों की कुर्की की कार्रवाई का आदेश कोर्ट ने दिए हैं। पुलिस ने मंगलवार रात मनोज धामा के बेहटा हाजीपुर स्थित घर पर डुगडुगी बजवाकर नोटिस चस्पा किया। एक माह में कोर्ट में नहीं पेश न होने संपत्ति कुर्क की जाएगी। पूर्व बार सचिव अधिवक्ता परविंदर नागर ने बताया कि पिछले दिनों हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पीड़िता ने गिरफ्तारी ने होने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 13 जुलाई को हाईकोर्ट ने निचली अदालत को एक साल में मामला निस्तारित करने का आदेश दिया है, लेकिन दुष्कर्म के सभी आरोपी काफी समय से फरार हैं। अदालत में पुलिस ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि मनोज धामा समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन सभी आरोपी फरार हैं। अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ कुर्की की उद्घोषणा के साथ दोबारा गैर जमानती वारंट जारी किया है।

लोनी बार्डर थाना एसएचओ अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि एक कॉलोनी निवासी महिला ने 2019 में नगर पालिका के पूर्व भाजपा चेयरमैन मनोज धामा और उनके 5 साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मनोज धामा, शोभित मलिक, दीपक धामा, सतेंद्र चौहान, विकास पवार और राहुल धामा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस की दबिश के बाद भी अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। कोर्ट ने मंगलवार को कुर्की की कार्रवाई के लिए आदेश दिए थे। इस पर पुलिस ने आरोपियों के घर पर नोटिस चस्पा कर डुगडुगी बजवाई है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि सभी आरोपी एक माह के अंदर सरेंडर कर दें अन्यथा संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। एसएचओ ने बताया कि आदेश में सभी आरोपियों का एक ही घर दर्शाया गया है।

2019 में महिला ने सामूहिक दुष्कर्म का लगाया था आरोप
अधिवक्ता परविंदर ने बताया कि लोनी बार्डर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने वर्ष 2019 में इंद्रजीत नाम के व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला का आरोप था कि इंद्रजीत को पूर्व चेयरमैन मनोज धामा का संरक्षण प्राप्त है। पीड़िता फरवरी 2019 में आरोपी की गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी लेने के लिए सीओ व एसएचओ के पास गई थी। इसकी भनक लगने पर पूर्व चेयरमैन मनोज धामा, शोभित मलिक, दीपक धामा सत्येंद्र चौहान, विकास पंवार और राहुलधामा उसी दिन महिला के घर पहुंचे। आरोप है कि वहां मनोज धामा, शोभित मलिक और दीपक धामा ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर मनोज धामा समेत 6 लोगों के खिलाफ लोनी बॉर्डर थाने में सामूहिक दुष्कर्म व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। एसएसपी ने मामले की जांच महिला थाने को सौंपी थी।

पुलिस ने लगाई थी फाइनल रिपोर्ट, अदालत ने कर दी थी निरस्त
परविंदर नागर ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी, जिसे अदालत ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने पीड़िता को बयान के लिए बुलाकर आरोपियों के खिलाफ के परिवाद दर्ज कर लिया था। पीड़िता, मेडिकल करने वाली डॉक्टर और सिपाही के बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने फरवरी 2020 को सभी आरोपियों को तलब कर लिया था। लॉकडाउन होने के कारण कोर्ट बंद हो गए थे। अदालत में नियमित सुनवाई शुरू हुई तो 5 जनवरी को पीड़िता की तरफ से अर्जी लगाते हुए मांग किया कि आरोपियों ने अदालत में समर्पण नहीं किया गया है। उनके खिलाफ वारंट जारी किया जाए। इस पर कोर्ट ने पूर्व चेयरमैन मनोज धामा समेत सभी 6 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किया था, इसके बावजूद पेश नहीं हुए तो एक महीने पहले गैर जमानती वारंट जारी किया था, अब अदालत ने बुधवार को दोबारा गैर जमानती वारंट जारी करने के साथ ही कुर्की का नोटिस जारी किया है।
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