रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- रोड एक्सीडेंट में कटी हुई एवं कुचली हुई उंगली को यशोदा सुपर स्पेशलिटी कौशांबी में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ मुकेश कुमार एवं टीम ने 4 घंटे की अनूठी माइक्रो सर्जरी के बाद पूरी तरह जोड़ दिया। सर्जरी करने वाले चिकित्सक डॉ मुकेश कुमार विगत 15 वर्षो में 100 से ज्यादा लोगों के कटे हुए अंगों को जोड़ चुके हैं। दिल्ली एनसीआर के अस्पताल में इस तरह की कुछ ही सर्जरी को अब तक अंजाम दिया गया है और शायद गाजियाबाद शहर के लिए इस तरह की यह पहली सर्जरी होगी।गाजियाबाद के रहने वाले ऋषभ गर्ग का एक्सीडेंट हो गया था। उनकी उंगली कुचल कर कट गयी थी । अब ऑपरेशन के बाद उनकी उंगली अच्छी तरह से जुड़ गयी है और टांके भी कट गए हैं।

डॉ मुकेश ने बताया कि इस सर्जरी में बड़ा चैलेंज होता है। जहां से उंगली का ऑपरेशन किया जाता है वहां से ब्लड वेसेल्स के साथ नर्व एवं टैंडन्स भी जाती है। कटी हुई उंगली को वापस अपनी जगह पर reimplant (पुनः प्रत्यरोपाण) किया जाता है।  वेस्सेल्स,नर्व , बोन टैंडन्स को     माइक्रोस्कोप के माध्यम से जोड़ना बड़ा चैलेंज होता है।

सर्जरी के बाद डॉ मुकेश कुमार ने बताया कि शरीर का कोई अंग कट जाने के बाद त्वरित कार्रवाई की जरूरत होती है। माइक्रो वेस्कुलर सर्जरी तकनीक द्वारा कटे हुए अंग के हिस्से को जोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सौ फीसद मामलों में सफलता मिलती है, लेकिन 70-80 फीसद मामले सुलझाए जा सकते हैं। ऐसी दुर्घटना होने पर मरीज के साथ लोगों को सूझबूझ दिखाते हुए उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि कटे हुए अंगों को प्लास्टिक बैग में रखना चाहिए। ये बैग सील होना चाहिए। इस बैग को किसी दूसरे बैग में रखना चाहिए, जिसमें पानी और बर्फ के टुकड़े हों। यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि कटा हुआ अंग सीधे बर्फ के संपर्क में नहीं आए, क्योंकि उससे वह हिस्सा पुनः प्रत्यारोपित नहीं हो पाएगा। कटे हुए अंग को अगर ठीक से रखा जाए, तो उस हिस्से को 12 घंटे तक पुनः प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
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