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गाज़ियाबाद :- सुदर्शना काफी लंबे समय से समाज के लिए समर्पित रही है व भरतपुरिया शिक्षा समिति की अध्यक्षा है संस्था के अंतर्गत 2 बाल आश्रम व एक बाल शिक्षण संस्थान चल रहे हैं। जिसमें सरकारी व गैर सरकारी अनुदान संस्था को प्राप्त हो रहा है जो कि समाज कल्याण के लिए होना चाहिए। परंतु भरतपुरिया शिक्षा समिति के प्रबंधक ओंकार सिंह द्वारा लगातार इसका इस्तेमाल अपने निजी स्वार्थ के लिए होता आ रहा है, समय-समय पर ओंकार सिंह द्वारा कई तरह की अनियमितताएं भ्रष्टाचार तथा संस्था विरोधी क्रियाकलाप सामने आए जिसका  पुरजोर विरोध करती आई है।
 
उन्होंने बताया कि ओंकार सिंह ने अपनी पत्नी व पुत्र को संस्था के स्टाफ में दिखाया व सैलरी का भुगतान संस्था से कराया जबकि दोनों ही लोग किसी भी तरह का कार्य नहीं कर रहे थे जोकि सरासर सरकारी व गैर सरकारी अनुदान का दुरुपयोग करना है, सुदर्शना अपनी क्षमताओं और सामाजिक संपर्कों के माध्यम से हंस फाउंडेशन द्वारा संस्था को अनुदान दिलवा चुकी है। परंतु उसका भी इस्तेमाल ओमकार द्वारा निजी स्वार्थ के लिए हो रहा है, इसी अनुदान में बाल शिक्षण संस्थान को मिली "इको कार "जो कि  स्कूल के नाम पर होनी चाहिए ओंकार ने बिना किसी की जानकारी के उसे निजी नंबर के आधार पर निजी प्रयोग में ला रहे हैं, ऐसे कई फर्जीवाड़े सामने आए , 

उन्होंने बताया कि संज्ञान में यह भी आया कि भरतपुरिया शिक्षा समिति के रजिस्टर्ड ऑफिस सेक्टर 3/1257 जो कि सुदर्शना का भवन है उस पर ओंकार सिंह द्वारा फर्जी किरायानामा लगाकर किराया लिया गया और अब अपनी कूटनीति से भवन भी हड़पना चाहते हैं, यह भी सामने आया कि ओंकार सिंह द्वारा  संस्था के पदाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर त्यागपत्र देकर उन्हें पद मुक्त कर दिया गया व पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत संस्था में सारे सदस्य ओंकार के परिवार के लोग ही हैं जो कि साफ दर्शाता है कि ओंकार सिंह की मंशा संस्था को सामाजिक कार्य के बजाय अपने निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करना है। भरतपुरिया शिक्षा समिति को महिला कल्याण एवं बाल विभाग से सरकारी अनुदान लगातार प्राप्त हो रहा है जिसका पुरजोर दुरुपयोग किया जा रहा है बिना स्टाफ के ही सैलरी का भुगतान कर दिया जाता है, फर्जी बिल, फर्जी सैलरी व ऐसी कई अनियमितताएं ओंकार सिंह द्वारा की गई। 

ओंकार सिंह के साथ सुदर्शना को शारीरिक व मानसिक आघात पहुंचाने में  गुड्डी , वंदना त्यागी, अनुपमा , गीता सिसोदिया, सुनील व राजेश सम्मिलित रहे हैं, एक महिला को मानसिक व शारीरिक पीड़ा पहुंचाने के लिए सभी के खिलाफ उचित कार्यवाही होनी अति आवश्यक है ।जब सुदर्शना इसके खिलाफ आवाज उठाई तो ओंकार सिंह व उनके स्टाफ द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार व हाथापाई की गई जिससे उन्हें शारीरिक व मानसिक आघात पहुंचा।
ओमकार उनके स्टाफ के कृत्य के खिलाफ और कई लोगों ने शिकायत दर्ज की परंतु ओमकार अपने रुतबे के जोर पर आज तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई अब इस भ्रष्टाचार के खिलाफ बतौर अध्यक्ष व एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते शिकायत संबंधित विभागों में रजिस्टार ऑफिस मेरठ, मुख्यमंत्री पोर्टल लखनऊ, डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट गाजियाबाद, डिप्टी डायरेक्टर मेरठ में की जा चुकी है। 

सुदर्शना अध्यक्षा ने यह भी बताया कि उनके द्वारा की गई शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल द्वारा निक्षेपित की जा चुकी है व महिला आयोग उत्तर प्रदेश भी प्रतिक्रिया मिली है जिसके अंतर्गत जल्द ही सुदर्शना गाजियाबाद जिलाधिकारी वह संबंधित अधिकारी से व्यक्तिगत का मौका दिया जाएगा। सुदर्शना के एक अनपढ़ महिला होने की वजह से ओंकार सिंह अपनी वकालत ,रुतबे व पैसों के दम पर अपनी मनमानी चलाते आ रहे हैं, उनकी बस यही अपील है कि मुख्यमंत्री योगी संबंधित विभाग द्वारा निष्पक्ष जांच की जाए दोषी प्रबंधक ओंकार सिंह व उनके साथियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए व भरतपुरिया शिक्षा समिति जो कि सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से बनाई गई थी उसे इस भ्रष्टाचार से मुक्त किया जाए।

सुदर्शना के समर्थन में समाज के कहीं प्रभुत्व लोग सामने आए हैं। अंशु धवन (आरडब्लूए सदस्य ऑलिव काउंटी), कामेश्वर ध्यानी समाजसेवी, बीना बहुगुणा (उत्तराखंड समाज) आदि।
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